कलंक का दाग मिटाना अब धनबाद निवासियों पर निर्भर

धनबाद : पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में धनबाद को मिले सबसे गंदे शहर के दाग को मिटाना अब यहां के निवासियों पर निर्भर है. 2000 अंकों के स्वच्छता सर्वेक्षण में धनबाद शहर को 600 अंक दिलाना पूरी तरह यहां के निवासियों पर निर्भर है. 600 में से 450 नंबर पब्लिक फीडबैक और 150 नंबर स्वच्छता एप पर मिलने हैं.

आम शहरी अपनी राय देकर शहर को 450 नंबर दिलाने में सहयोग कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें पांच तरह के सवालों के जवाब देने हैं. सवाल पिछले साल के सर्वेक्षण को ध्यान में रख कर तैयार किए गए हैं. हर जवाब पर अधिकतम 86 नंबर मिल सकते हैं.

स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) की ओर से फोन कॉल के जरिए पूछा जाएगा कि पिछले साल की अपेक्षा क्या इस साल सफाई में सुधार हुआ है? कॉमर्शियल एरिया में डस्टबिन की व्यवस्था है? छोटा डस्टबिन व्यावसायिक क्षेत्रों में रखा गया है या नहीं? इस साल डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन की व्यवस्था में सुधार हुआ है या नहीं? आपके इलाके में यूरिनल और टॉयलेट कितने हैं? पब्लिक टॉयलेट और कम्यूनिटी टॉयलेट की सुविधा में पहले की अपेक्षा इस साल सुधार हुआ है या नहीं? इन्हीं सवालों के जवाब धनबाद शहर को 450 नंबर दिला सकते हैं.

पब्लिक फीडबैक के लिए धनबाद नगर निगम जागरूकता अभियान चला रहा है. पार्षदों और स्वच्छता पर्यवेक्षकों के जरिए शहरियों तक सर्वेक्षण में पूछे जानेवाले सवालों की सूची पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. निगम के अफसरों ने गुरुवार शाम को बताया कि पिछले सर्वे में पब्लिक फीडबैक काफी नकारात्मक था. इसलिए सिर्फ 10 फीसदी अंक ही मिले थे.

निगम के सहायक अभियंता अमित कुमार ने कहा कि अधिक-से-अधिक लोगों की राय एसबीएम केंद्र पहुंचे, यह प्रयास किया जा रहा है. इस साल सवाल भी बदल दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन के लिए एनजीओ का चयन कर लिया गया है. सोशल मीडिया पर निगम की एक्टिविटी भी रैंकिंग सुधारने में सहयोग करेगी.

Web Title : CLEAN INDIA MISSION WILL BE ASKED BY CALLING SANITATION WORK GOING ON OR NOT