उम्मीदों पर पानी फिरा...! - Ranjan Jha

धनबाद : दिल्ली के चुनाव नतीजे लोगों को हिला गए. कोयलांचल में लोगों को सन्न्नाटा मार गया. लगा जैसे कोई भूकंप आ गया हो.

किसी ने सोचा नहीं था कि एकबारगी मोदी का विजय रथ थम जाएगा.

लोगों ने बता दिया कि सिर्फ मीठी बातों के भरोसे वे ज्यादा दिन नहीं रह सकते. मोदी सरकार काम कर रही है कहने से काम नहीं चलेगा.

लोगों के घर तक आंकड़े पहुंच रहे हैं. बैंक का खाता बड़ी मशक्कत से खुला.

सिर्फ मोदीजी के कह देने से बैंक के अधिकारी माननेवाले नहीं. उन्हें फरजी खाता-पत्तर चाहिए. कचरा जमा करने का उन्हें शौक है.

बैंक लोगों को अनुग्रह देते हैं. उनसे भारतीयता का कोई नाता नहीं. सारी व्यवस्था ऐसी ही है.

सब धड़ाधड़ आंकड़े बना रहे हैं. जिंसों की कीमत नीचे फिसल रही है, पर सोच-सोच के लगता है कि व्यवस्था के अंदर काफी जंग है.

या सिस्टम इतना पेंचिदा है कि पब्लिक को कहना पड़ता है कि हुजूर आते-आते बहुत देर कर दी.

लोगों को डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी का असर काफी देर में देखने को मिला. नयी फसलों ने आमलोगों को राहत दी.

शहरों में लोगों को पढ़-लिखकर कमाई का वैध  साधन नहीं मिल रहा.

कहने को इंजीनियर, पिताजी ने मोटा डोनेशन देकर मंगलूर-बैंगलूर में पढाया. नौकरी के भी लाले.

तीन-चार हजार की नौकरी मिली तो ठीक. ऐसे में नाजायज धंधों ने नयी सूरत ली.

पढ़े-लिखे लोगों ने ठगी को अपना अपना कारोबार बनाया. वे इस समाज से प्रेरित हुए. जहां सब, सबको ठगने में लगा है. इसे ही कहते हैं एजुकेशन.

अंदर से क्वाॅलिटी नहीं आ रही भले आप डिग्रियों के उस्ताद हैं. क्वाॅलिटी वाले हैं भी तो लाॅबिंग के इस दौर में वे टिक नहीं पा रहे.

कुल मिलाकर सेटिंग ही सर्वोपरि है. इस दौर में जिन पब्लिक की सेटिंग नहीं हुई है, वे सेटिंग के लिए बेचैन हैं.

इसलिए कि सब कुछ सेटिंग है. मगर जनता इस सेटिंग सिस्टम से उबी भी है. वह सोचती है कि बिना सेटिंग सब कुछ कैसे मिलेगा.

इसकी संभावना उसे आप में मिलती है. उम्मीद पर मोदी आए, अब केजरीवाल है.  

आप की जीत पर धनबाद में जुलूस निकला. कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी. रणधीर प्रसाद वर्मा मोड़ पर पटाखे छोड़े.

 

इनकी भी सुनिए

विश्वनाथ बागी, प्रदेश संयोजक, आप : आप के आह्वान पर  कांग्रेस व भाजपा मुक्त राज्य की परिकल्पना के साथ दिल्ली की जनता ने पूरा न्याय किया है.

मोदी की लहर को दिल्ली में केजरीवाल ने रोककर एक नए सपनों को उड़ान दी है इस बार पार्टी प्रमुख नौसीखिए की तरह नहीं एक कुशल राजनेता की तरह दिल्ली का विकास करेंगे.

 

जनता ने भाजपा को नकारा (विजय कुमार झा, इंडिया एगेंस्ट करप्शन) 

सकारात्मक राजनीति की जीत है. जनता ने भाजपा को नकार दिया है. काला धन लाने की बात मोदी ने लोगों से की थी, नहीं लाए.

जनता से किए गए वायदे मोदी ने पूरे नहीं किए. इससे जनता को लगा कि हमारे साथ छल हुआ है.

इन्हीं कुछ कारणों से भाजपा की हार हुई और आप की जीत हुई. दिल्ली से लेकर रांची तक भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है.

लोगों को यह नागवार लगा. अरविंद सकारात्मक राजनीति करते हैं और जनता ने सकारात्मक राजनीति करनेवाले को वोट दिया है. आप ने आम आदमी के मुद्दे को पकड़ा.

 

शशिनाथ तिवारी (शिक्षाविद, आप कार्यकर्ता)

आप की जीत लोक की तंत्र पर जीत है. संगठित पुरानी पार्टियों के भरपूर प्रयास के बाद भी यह जीत भविष्य के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा.

 

निर्मल कुमार सिंह (आप विधि प्रकोष्ठ के पदाधिकारी)

यह आम आदमी की जीत है. अन्य राज्यों में भी दिल्ली की जीत की पुनरावृति होगी. भ्रष्टाचार, महंगाई खत्म करने के लिए मोदी ने जो सपने दिखाए थे उसे पूरा नहीं किया.

जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने के परिणाम स्वरूप ही भाजपा और कांग्रेस को जनता ने नकार दिया.

 

ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह (कांग्रेस जिलाध्यक्ष)

आप की जीत से कांग्रेस और भाजपा दोनों को सीख लेनी चाहिए.

मजदूरों-गरीबों, कामगारों, झुग्गी-झोंपड़ी में रहनेवालों के बीच जो काम करेगा वही जीतेगा. सिर्फ मोदी की नसीब और भाषणबाजी से जीत नहीं मिलनेवाली.

 

अवधेश कुमार झा (सीनीयर सिविल लाॅयर)

चमक-दमक दिखानेवाली राष्ट्रीय राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के लिए आप की जीत एक सबक है.

आज की तारीख में कांग्रेस नेतृत्वहीन पार्टी है. वहीं भाजपा अपनी उपलब्धियों को बहुत ज्यादा अतिरंजक रूप में प्रदर्शित करने के कारण चुनाव में हारी है.

दोनों दल को जनता ने नकार दिया है. यह देश के लिए अच्छा है.

 

कंसारी मंडल (अध्यक्ष, धनबाद जिला बार एसोसिएशन)

आप की दिल्ली में जीत होने से क्षेत्रीय दल का मनोबल उंचा होगा.

बड़े राष्ट्रीय दल क्षेत्रीय दलों को महत्व नहीं देते थे. भाजपा और काग्रेस का मंसूबा ढ़ह गया है.

 

राधेश्याम गोस्वामी (अधिवक्ता)

पैसा और प्रभाव दिखाकर जीत हासिल नहीं की जा सकती. दिल्ली के आमलोगों ने आप को जीत दिलायी है.

दिल्ली की जीत ने पूरे देश को दिशा-निर्देश दिया है.

भाजपा वैसे समय में चुनाव हारी है जब देश में मोदी की लहर है. दिल्ली चुनाव का असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा.

 

सुनील सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता)

दिल्ली की जनता ने दोनों बड़े राष्ट्रीय दल को नकारते हुए आप को जिताकर प्रगतिशीलता का परिचय दिया है.

इस चुनाव से जनता ने संदेश दिया है कि मोदी ने जो वायदे किए उसे जमीन पर लाएं.  

Web Title : DELHI ASSEMBLY ELECTION