बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने दिया धरना

धनबाद: झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति ने दो सूत्री मांगों को लेकर रणधीर वर्मा चौक पर धरना दिया.

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर समिति के संरक्षक बेंगु ठाकुर ने कहा है कि झारखंड सरकार ने 14 नवम्बर 2011 में 12 भाषाओं को दूसरी भाषा की मान्यता दी लेकिन आज तक स्कूलों में झारखण्ड के क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की बहाली नहीं हुई.

पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने बांग्ला और अलचिकि के पठन—पाठन का आदेश दिया था लेकिन वह भी लागू नहीं हो पाया.

झारखण्ड सरकार क्षेत्रीय भाषाओं के साथ ​क्रूर मजाक कर रही है.

समिति बांग्ला व अ​लचिकि के शिक्षक की मांग पिछले 15 वर्षों से करती आ रही है लेकिन मांग हर बार अनसूनी कर दी जाती है.

झारखण्ड में हिन्दी व अंग्रेजी के साथ मातृभाषा की पढ़ाई जल्द से जल्द चालू करने की मांग उन्होंने की है.

मांग नहीं माने जाने पर समिति उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी. धरना निताई रजक, लखीराम रजक, असीम, सोनू रजक, रोहित रजक, पंचानन प्रमाणिक, राजेश प्रमाणिक सारथी देवी, राजू कुमार रजक, गणेश रजवार, असीम अंसारी आदि ने दिया.

Web Title : DHARNA OF BANGLA BHASHA UNNYAN SAMITI