पराये लोगों से उतना डर नहीं जितना सामने रहने वालों से – नीलम गायत्री

गोमो : किसी भी महिला की मांग का सिंदूर पोछ दिया जाए, चूड़ी फोड़ दी जाए, तो वह महिला कभी अपने पति की वियोग को सहन नहीं कर सकती है.

राजा दशरथ की मृत्यु के बाद भरत ने पुरे अयोध्या को बचा लिया. अगर उन्होंने ऐसा न किया होता तो सारे अयोध्यावासी राजा दशरथ की चिता में जल जाते.

भरत महात्मा है और महात्मा लोगों को उठाने का कार्य करते है और परमात्मा सीधे उठा लेते है. जिस दिन लोग ज्यादा प्रशंसा करने लगें तो उस दिन सावधान हो जाने की जरूरत है. उक्त बातें (काशी) अचयुतानंद पाठक ने महिला समिति में चल रहे प्रवचन के दौरान कही.

उन्होंने कहा की हमारे देश में जब तक राम जैसा राजा, हनुमान जैसा सेवक भाई जैसा भरत नहीं होंगे तब तक भारत की सीता रूपी संस्कृति वापस आने वाली नहीं है.

आज कलियुग का भाई अपने भाई को देता कुछ नहीं है जबकि लेना सबकुछ चाहता है अगर भाई बनना है तो भरत जैसा भाई बनो, अगर भाई से कुछ लेना है तो उसकी संपति नहीं उस पर आई विपति को लो.

उन्होंने कहा की राम नाम का एक भी वाक्य अपने जीवन में ढाल लो तो तुम्हारा जीवन धन्य हो जाएगा.

वहीं (चित्रकूट) नीलम गायत्री ने कहा की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है कब हमारी मौत हो जाए इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में हुए रेल हादसों में मृत लोगों का जिक्र करते हुए शोक प्रकट करते हुए कहा की लोग अपने गंतव्य को न पहुंच काल के गाल में समा गए इसलिए हमेशा राम नाम रूपी गंगा में डुबकी लगाते रहे.

संसार राम जी का स्मरण करता है लेकिन राम भरत का स्मरण करते है उन्होंने कहा की हमारा विकास जातिवाद, समाजवाद, वोट की राजनीति नहीं बल्कि हमारा विकास संतो के आशीर्वाद से प्राप्त होगा. पराये लोगों से उतना डर नहीं जितना सामने रहने वालों से है.

Web Title : DO NOT BE AFRAID OF NON ALIEN PEOPLE AS MUCH AS THOSE WHO ARE IN FRONT NEELAM GAYATRI

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