अन्धविश्वास के चक्कर में शव के साथ तमाशा बने परिजन

कतरास : इस आधुनिक युग में आज भी कई लोग ऐसे है जो अंधविश्वास के जाल में फंसते है.

बोकारो के रहने वाले एक परिवार ने अपने घर ले सदस्य अंजुम रजा की श्वशन प्रक्रिया रविवार को अहले सुबह अचानक बंद होने पर कब्रिस्तान ले जाने के बजाय उसके पार्थिव शरीर को मासूम बाबा के अस्ताने पर ये सोच कर ले गए की वह बाबा की दुआ से जीवित हो उठेगा.

मासूम बाबा के अस्ताने पर पार्थिव शरीर पर तेल-पानी लगाने के साथ ही उसके जिंदा होने की दुआएं मांगी जाने लगी. ल्र्किन किसी तरह का कोई चमत्कार नहीं हुआ. और कई घंटो तक यह दृश्य तमाशा बना रहा.

अंजुम रजा आइटीआइ की परीक्षा पास कर नौकरी की तलाश में था. उसे कुछ परेशानी थी लेकिन परिजन उसे किसी डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय मासूम बाबा के दरबार में ले आए.

समय से इलाज नहीं होने के कारन 26 मार्च की सुबह अंजुम रजा की मौत हो गयी. बता दे की बाबा के अस्ताने में हाजरी लगाने वाली गोमो की एक युवती दोपहर पौने एक बजे आई.

वह दुआएं मांगती रहीं. चार घंटे तक जब कोई नतीजा नहीं निकला तो अंजुम के पार्थिव शरीर को परिजन वर्धमान जिले के मेमारीशरीफ ले गए, जहां बाबा की मजार है.

 

Web Title : FAMOUS PEOPLE WITH A DEAD BODY IN THE HORROR OF SUPERSTITION