संस्कृत का ज्ञान ले रहे हैं अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे

धनबाद : भाषा किसी जाती या धर्म से सम्बन्ध नही रखता है, तभी तो धनबाद में अल्पसंख्यक बच्चे भी संस्कृत का ज्ञान ले रहे है जी हाँ धनबाद के राजकीय संस्कृत विद्यालय में एक या दो नही बल्कि 15 मुश्लिम बच्चे संस्कृत की पढाई कर रहे है.

छात्रा चंदा खातून ने बताया कि फर्राटेदार संस्कृत पढ़ते और फिर उसका अर्थ समझते हैं, बचपन से ही संस्कृत पढ़ने का शौक था और अब ये शौक भी पूरा कर रही हूँ. आठवी कक्षा की छात्रा चंदा खातून कहती है की मुस्लिम लोग संस्कृत को नही इसको सिर्फ है लेकिन ऐसा नही संस्कृत अच्छा विषय है और इसे  मुस्लिम लोगो को भी पढ़ना चाहिए.



कई ऐसे भी अल्पसंख्य हैं जो अपने बच्चे को उर्दू की पढाई नही कराकर संस्कृत की पढाई करा रहे है इनका कहना है की बच्चे यदि संस्कृत पढ़ कर आगे बढे तो ये हमलोगो के लिए ख़ुशी की बात है. धनबाद हीरापुर स्थित राजकीय संस्कृत उच्च  विद्यालय के शिक्षक कहते हैं कि अभी यहाँ 54 बच्चे पढ़ रहे हैं.

जिसमे से 15 बच्चे अप्संख्यक है और इनका कहना है की गरीब बच्चो को घर-घर से लाया और इनको बताया की भाषा किसी जाती या धर्म से सम्बन्ध नही रखता है. हिन्दुओ को भी अरबी और फ़ारसी की जानकारी होनी चाहिए और अल्पसंख्यक को भी ईश्वर की जानकारी होनी चाहिए.

Web Title : MINORITY COMMUNITY CHILDREN GETING KNOWLEDGE OF SANSKRIT