व्यापारियों ने बिजली विभाग का किया विरोध

धनबाद : धनबाद के झरिया में ना तो अकाल पड़ने पर बारिश के लिए और ना ही प्राकृतिक आपदा के बाद शांति के लिए "हवन "कराया जा रहा है. बल्कि बिजली संकट से त्राहि -त्राहि कर रहे व्यापारी यहाँ बिजली दर्शन के लिए हवन करा रहे है ,ढोल -नगाड़ा की आवाज और मंदिर कीघंटिया बजाकर कुम्भकर्णी नींद में सो रहे बिजली अधिकारियो की नींद तोड़ने का भी प्रयास उपभोक्ताओं ने किया.

अभूतपूर्व बिजली संकट झेल रहे धनबाद कोयलांचलवासियों का सब्र का बांध अब टूट चुका है ,जिला प्रशासन ,बिजली अधिकारी और जान प्रतिनिधि आम उपभोक्ताओं की परेशानी से अंजान बने हुए है. बिजली उपभोक्ता सबका दरवाजा खटखटाने के बाद थक हारकर एक नायाबतरीका अपना सबका ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करते है.

धनबाद के झरिया में बिजली संकट झेल रहे व्यापारियों ने कुछ अलग ही अंदाज में बिजली विभाग का विरोध करते हुए अपनी बात राखी. धनबाद में बिजली संकट को ले चल रहे आंदोलन के चार अलग -अलग दृश्य देखने कोमिलते है ,बिजली उपभोक्ताओं बिजली संकट से निजात पाने के लिए "हवन "कराया.

हवन करने से भी जब बिजली ग्रहण दूर नहीं हुआ तो उपभोक्ताओं ने "हस्ताक्षर अभियान "चलाया. इससे भी जब बिजली संकट से मुक्ति नहीं मिली और बिजली अधिकारी कुम्भकर्णी नींद सोये रहे ,तब ढोल -नगाड़ा बजाकर और फिर मंदिर की घंटियाँ बजकर बिजली अधिकारी ,प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि की नींद तोड़ने का प्रयास किया गया.

झरिया चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष उपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारियो में काम करने की इच्छाशक्ति जगाने ,उनका सद बुद्धि के लिए हवन का अनुष्ठान किया गया ,व्यापारी और पंडित की माने तो कोयलांचल में 20 -20 घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रहती है ,बिजली
व्यवस्था चरमरा गई है.बिजली विभाग इसके बावजूद नहीं चेतता है तो उनका आंदोलन जारी रहेगा. वह कहते है की सरकारी विभागों में ब्यूरोक्रेट हावी हैं.

पूर्व वार्ड पार्षद अनूप साव कहते हैं कि धनबाद के कोयला से देश रौशन होता है और कोयलांचल ही अँधेरे में है ,उपभोक्ता की मानेतो बिजली संकट का हल नहीं ढूंढा गया तो उनका आंदोलन जारी रहेगा.

Web Title : PROTEST OF ELECTRICITY DEPARTMENT BY MERCHANTS