11 जुलाई से रेलकर्मीयों का हड़ताल

धनबाद : 70वर्षों में सातवें वेतन आयोग सबसे खराब रहा है. इतनी कम बढ़ोत्तरी किसी वेतन आयोग में नहीं हुई है. ईसीआरकेयू के जोनल सहायक महामंत्री संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि पांचवें वेतन आयोग में 40 फीसदी और छठे वेतन आयोग में 52 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी.

जबकि सातवें वेतन आयोग में उम्मीद थी कि कर्मियों को सबसे अधिक बढ़ोत्तरी होगी, लेकिन इस बार सबसे कम हुई. साथ ही न्यूनतम वेतनमान 26 हजार की बजाय 18 हजार लागू की गई. डीए टीए को खत्म कर बढ़ी हुई वेतन में कन्वर्ट कर दी गई है. साथ ही एनपीएफ, पीएफ बीमा मद में अधिक कटौती की गई है.

14 फीसदी वेतन में बढ़ोत्तरी होने के बावजूद रेलकर्मियों के जेब में वर्तमान में मिल रहे वेतन से कुछ ही अधिक मिल पाएंगे. किसी को दो तो किसी को तीन हजार के आसपास ही बढ़ कर मिलेंगे. सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मंजूरी मिलने से रेलकर्मी काफी नाखुश हैं. उन्हें यह वेतन आयोग मंजूर नहीं है.

वे अब 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने का फैसला कर चुके हैं. उनके साथ-साथ केंद्रीय कर्मी भी हड़ताल पर जाने वाले हैं.

धनबाद. सातवें वेतनआयोग की सिफारिशों के विरोध में गुरुवार को प्रधान डाकघर के मुख्य द्वार पर डाक कर्मियों ने प्रदर्शन किया और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए. डाक कर्मचारियों ने आयोग की सिफारिशों के खिलाफ 11 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान किया.

प्रदर्शन अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी डी के आह्वान पर किया गया. प्रदर्शन में पुरंजय कुमार, रविरंजन सिंह, निमाई कुमार सेन, कृष्ण गोपाल शरण, सुमित सौरभ, अमित कुमार शामिल थे.

Web Title : RAILWAY EMPLOYEES STRIKE FROM 11TH JULY