जैविक खेती में झारखंड का रोल मॉडल गांव बनेगा रोतरा – डीसी

बरवाअड्डा/धनबाद. गोविंदपुर प्रखंड के जमडीहा पंचायत का रोतरा गांव में साढ़े दस एकड़ जमीन पर लहलहाती जैविक फसलों ने उपायुक्त ए दोड्डे का भी मन मोह लिया. शनिवार को रोतरा गांव में जैविक खेती का निरिक्षण करने के पश्चात उपायुक्त श्री दोड्डे ने कहा कि गोविंदपुर प्रखंड का रोतरा गांव जिले का ही नहीं बल्कि पुरे राज्य का रोल मॉडल बनेगा. यह गांव धनबाद की छवि को बदलेगा. धनबाद सिर्फ कोयला एवं माफिया के नाम से नहीं, बल्कि जैविक खेती के लिए जाना जायेगा. और इसका पूरा श्रेय रोतरा गांव के ग्रामीणों एवं जिप सदस्य जिप सदस्य अशोक कुमार सिंह को जाता है.

रोतरा गांव के किसानों ने एकजुटता का परिचय देते हुए लग्न के साथ जैविक खेती की है, यह प्रेरणा दायक है. उन्होंने कहा कि जिले के किसानों को यहां भेजकर जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही कृषि विभाग के पदाधिकारियों की टीम बनाकर रोतरा भेंजेंगे. उन्होंने किसानों से जैविक खेती में हो रही परेशानियों के बारे में जानकारी मांगी. किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए डीसी के समक्ष जिप सदस्य श्री सिंह ने कहा कि यहाँ पहला सामुहिक प्रयास से जैविक खेती की जा रही है. रोतरा से नयी कहानी, नयी इबारत शुरू हुई है. श्री सिंह ने कहा कि जैविक खेती के साथ गौपालन एवं डेयरी फॉर्म हो, जो किसानों को जैविक खाद, गोबर एवं कीटनाशक के रूप में गौमुत्र किसानों को मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि खेती एवं डेयरी दोनों एक दुसरे के पूरक है. वही पानी की समस्या को देखते हुए किसानों ने डीसी से डीप बोरिंग कराने की मांग की.

जैविक खेती में उगाये गये सब्जियां
फॉर्म के अध्यक्ष सहदेव कुंभकार ने बताया कि श्री सिंह के मदद से लोग जैविक खेती में जुड़ गये. ग्यारह एकड़ जमीन में आज बिना रसायनिक खाद के फिलहाल स्वीट कार्न, तरबूज, भिंडी, खीरा, टमाटर, बैगन, करेला, कद्दू, हरा मिर्चा समेत अन्य सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है. वर्तमान में पांच क्विंटल खीरा, बीस किलो करेला एवं लगभग एक क्विंटल भिंडी बजारों में बेजा जा चूका है. जल्द ही बाकि फसल तेयार होकर बाजार में आ जाएँगे. 

कैसे शुरू हुई जैविक खेती
जिला परिषद अशोक कुमार सिंह के पहल पर रोतरा गांव में 11 नंवबर 2016 को ग्रामीणों एवं किसानों के बीच किसान गोष्ठी आयोजित की गयी. गोष्ठी में किसानों ने खेती में आ रही समस्याओं को रखा. श्री सिंह ने किसानों से जैविक खेती करने की सलाह दी. जिस पर किसानों ने पूंजी की कमी की बात कही. इस पर श्री सिंह ने सहयोग करने की बात कह एक टीम बनाने को कहा. किसानों ने समेकित जैविक कृषि फॉर्म रोतरा का गठन किया.

इसके बाद 19 दिसंबर 2016 को फॉर्म के नाम पर बरवाअड्डा स्थित बैंक ऑफ इण्डिया में खाता खुलने के बाद श्री सिंह ने 3.50 लाख रूपये की मदद की और रोतरा गांव में डीप बोरिंग करवाया गया. इसके बाद गांव में खेती का सिलसिला शुरू हुआ. श्री सिंह की प्ररेणा एवं किसानों की हिम्मत रंग आने लगी है. अब किसानों के चेहरे पर खुशी साफ दिखाई दे रही है.

ये है कृषि फॉर्म में
रोतरा गांव में सामुहिक जैविक खेती के लिए 20 सदस्यों का कमिटी गठन किया है. जिसमें अध्यक्ष सहदेव कुंभकार, सचिव पंचानन कुंभकार, कोषाध्यक्ष दिलीप सिंह एवं सदस्य भागवत सिंह, धनेश्वर कुंभकार समेत अन्य लोग है. वही जिप सदस्य श्री सिंह ने कहा कि आगामी 7 अप्रैल को लुबी सर्कुलर रोड स्थित यूनियन क्लब के पास जैविक सब्जियों की बिक्री के लिए केंद्र खोला जा रहा है. जहां रोतरा के किसान अपनी जैविक सब्जियां थोक के भाव में बेचेंगे. केंद्र का उद्घाटन उपायुक्त ए दोड्डे करेंगे.

डीसी के निरिक्षण के साथ बीडीओ संजीव कुमार, शरत दुदानी, संजीव राणा, बबलू महतो, विजय झा, डीएन सिंह, विक्रांत उपाधाय, किरीट चौहान, विभूति भूषण, अमर तिवारी समेत दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे.

Web Title : ROLE MODEL OF JHARKHAND IN ORGANIC FARMING WILL BECOME VILLAGE ROTRA DC