SSSLNT : महिला यौन उत्पीड़न रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन

धनबाद Aug 09 : अमीर घराने के लड़के अपराध के बाद लड़की को दबाने का प्रयास का साहस क्यों और कैसे करते हैं? सोनाली मुखर्जी कांड से जुड़े अपराधी जेल से क्यों बाहर आ गये? एमएमएस जैसी घटना हो गई तो हम शिकायत कहां करें? जागरूकता और बचने की सीख केवल लड़कियों को क्यों? वगैरह-वगैरह... छात्राओं ने ऐसे शब्दबाण चलाए कि पुलिस उपाधीक्षक विधि-व्यवस्था अमित कुमार घायल हो गये. अवसर था शनिवार को एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में महिला यौन उत्पीड़न रोकथाम पर आयोजित कार्यशाला के आयोजन का. समाज में बढ़ रहे महिला अपराध से नाराज छात्राओं ने अपने सवालों से व्यवस्था पर जोरदार प्रहार किया. ऐसी बहस छिड़ी कि मंचासीन अतिथि सह वरिष्ठ अधिवक्ता समर श्रीवास्तव, पूर्व सांसद प्रो. रीता वर्मा और कॉलेज शिक्षकों को हस्तक्षेप कर छात्राओं को शांत कराया गया.

छेड़खानी हुई तो सूचना दें होगी कार्रवाई
छेड़खानी हुई तो इसे अपने परिवार से यह सोचकर छिपाएं नहीं कि अभिभावक आपको दूसरे दिन से कॉलेज नहीं आने देंगे. इसे न केवल अपने अभिभावक को बताएं बल्कि पुलिस को भी इत्तला करें. आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और दोषी पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि दामिनी प्रकरण के बाद ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

कानून नहीं मानसिक बदलाव जरूरी
वरिष्ठ अधिवक्ता समर श्रीवास्तव ने कहा कि कानून का अपना एक दायरा है. हाल के दिनों में बढ़ी घटनाओं के बाद संशोधन भी किए गए हैं. पर इससे यौन उत्पीड़न की रोकथाम नहीं हो पायी है. इसके लिए मानसिक व सामाजिक बदलाव जरूरी है.

प्रो. रीता वर्मा ने उठाया सोनाली का मुद्दा
पूर्व सांसद प्रो. रीता वर्मा ने सोनाली मुखर्जी प्रकरण को मंच से उठाया. उन्होंने कहा कि इतने संगीन जुर्म के बाद भी अपराधी जेल से बाहर आ गए हैं. उन्होंने कानून व्यवस्था में बदलाव की सिफारिश की.

Web Title : WORKSHOP ON WOMEN'S SEXUAL ASSAULT PREVENTION