रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले को कारावास

बालाघाट. रोजगार दिलाने का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को वारासिवनी न्यायालय के माननीय न्यायाधीश की अदालत ने 3 वर्ष के कारावास और 8 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है.

आरक्षी केन्द्र वारासिवनी में गोदिया जिले के गोरेगांव त्रिमूर्ति नगर निवासी 45 वर्षीय प्रमोद पिता विश्वनाथ देशमुख के खिलाफ नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पुलिस ने धोखाधड़ी के तहत मामला कायम कर आरोपी की गिरफ्तारी कर न्यायालय में पेश किया. जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया था. जिस मामले की संपूर्ण विवेचना उपरांत पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था. जिसमें माननीय न्यायालय में सुनवाई चल रही थी.  

जिसमें 7 दिसंबर को वारासिवनी न्यायालय के माननीय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमति प्रीति चैतन्य चौबे की अदालत ने  आरोपी प्रमोद पिता विश्वनाथ देशमुख दोषी पाते हुए धारा 420 भादवि में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 8000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है. अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी राजेश कायस्त ने पैरवी की थी.

मीडिया प्रभारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विमल सिंह ने बताया कि प्रार्थी दुर्गा ठाकुर तथा अन्य महिलाओं द्वारा थाना वारासिवनी में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया था कि हैदराबाद की एस्पेन कंपनी द्वारा रोजगार का प्रलोभन देकर महिलाओं को 1000 रूपये में सदस्य बनाया गया. कंपनी के डॉयरेक्टर राजूरामा, एफ. ओ. पार्श्वी बघेल, ग्रीष्मा राहंगडाले एवं प्रमोद देशमुख द्वारा बताया गया कि कंपनी के सदस्य बनने के बाद महिलाओं को किराना सामग्री की पैकिंग का काम दिया जायेगा एवं सदस्य बनने पर 500 रूपये का गिफ्ट दिया जायेगा. जिससे महिलायें कंपनी से जुड़ गई थी, लेकिन कंपनी द्वारा ना तो गिफ्ट और ना ही पैकिंग का सामान दिया गया एवं ना ही सदस्य शुल्क की कोई रसीद दी गई. कंपनी एवं उसके कर्मचारियों द्वारा रोजगार दिलाने के बहाने से लोगों को धोखा दिया गया. घटना के संबंध में प्रार्थिया ने थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.  


Web Title : JAIL FOR CHEATING IN THE NAME OF EMPLOYMENT