नपा वारासिवनी के सीएमओ, सब इंजीनियर और बाबु भ्रष्टाचार में लिप्त, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापतियों ने सीएम को भेजा आरोप पत्र

वारासिवनी. नगरपालिका परिषद वारासिवनी में पदस्थ सीएमओ, सब इंजीनियर और  बाबु, भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं, इनका जनता के प्रति रवैया ठीक नहीं हैं और यह नगरपालिका के निर्वाचित पार्षदों की बात भी नहीं सुनते हैं और अपनी मनमानी करते हैं. इनकी जॉच कर इन्हें तत्काल हटाया जाए और इनके खिलाफ कार्यवाही की जाए. इस तरह का एक शिकायती पत्र नगरपालिका परिषद वारासिवनी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदो ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री भोपाल, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर एवं कलेक्टर बालाघाट को भेजा है.  

विदित हो कि नगरपालिका परिषद वारासिवनी में पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल समर्थक निर्दलीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों का साम्राज्य  हैं. वहीं भाजपा के 5 पार्षद हैं और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था. जब तक जायसवाल निर्दलीय रहे, तब तक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन उनके भाजपा में शामिल होकर विधानसभा का चुनाव लडने और पराजित होने के बाद से नगरपालिका का माहौल बदलने लगा हैं.  पिछले कुछ महीने से नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षदों की सीएमओ, सब  इंजीनियर एवं नपा कर्मियों से तालमेल नहीं बैठ रहा हैं. नगर के विभिन्न मसलों को लेकर इन सब की आपसी में तनातनी जनचर्चा का विषय बनी हुई हैं. इस तनातनी को वास्तविकता का अमलीजामा तब पहना दिया गया, जब पहले वार्ड नं. 8 के पार्षद धरमू जोशी द्वारा सीएमओ सहित अधिकारियों, कर्मचारियों की एक शिकायत सीएम हेल्प लाईन में की गई थी. जो लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शासन के कर्णधारों ने ठंडे बस्ते में डाल दी थी.

जिसके बाद अब एक और पत्र सामने आया हैं, जिसमें नगरपालिका के 15 पार्षदों में 7 पदाधिकारियों क्रमशः अध्यक्ष सरिता मनोज दांदरे,  उपाध्यक्ष प्रीति संतोष शिव, सभापतिगण मदनलाल धार्मिक, योगेन्द्र मोनु लिमजे, धर्मेश जोशी, प्रवीण डोंगरे और पवनसिंह धुर्वे ने मुख्यमंत्री भोपाल को लिखित शिकायत की हैं. जिसकी प्रतिलिपि उन्होंने नगरीय प्रशासन मंत्री भोपाल, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मध्यप्रदेश भोपाल, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर एवं कलेक्टर बालाघाट को भी भेजा हैं.  लिखित आरोप पत्र में पदाधिकारियों ने आरोप लगाया हैं कि राजस्व निरीक्षक, उपराजस्व निरीक्षक, संबंधित बाबु एवं अन्य कर्मचारी पिछले कई सालों से नगरपालिका में पदस्थ हैं, जो भ्रष्ट्राचार में संलिप्त  हैं. जनता के प्रति इनका रवैया ठीक नहीं हैं. इनकी जॉच कर इनको तत्काल यहॉ से हटाया जाए.  इसके साथ ही आरोप पत्र में प्रभारी सीएमओ दिशा डहेरिया, उपयंत्री  पर आरोप लगाए गए हैं कि वह दोनों बिना अध्यक्ष की जानकारी के फर्जी कार्यो के मनमानी तरीके से फर्जी बिल का भुगतान कर रहे है,  इंजीनियर पिछले 5-6 वर्षो से एक ही नगरपालिका में पदस्थ हैं, वह भवन निर्माण, अनुज्ञा शुल्क के नाम पर सीएमओ के साथ मिलकर जनता से मनमानी पैसे वसूल कर रहे हैं, जिसका कोई बोलने वाला नहीें हैं, नगर की जनता को परेशान कर रहे हैं.

अध्यक्ष और पार्षदों का कहना है कि हम सभी किसी भी काम के लिए जाते हैं, तो सीएमओ हमें, नजरअंदाज करती हैं एवं अपनी मनमानी करती हैं. इनकी जॉच की जाए और इन भ्रष्ट अधिकारियों को वारासिवनी नगरपालिका से तत्काल हटाकर अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए.  इस मामले में परिषद के कुछ पार्षदों और पदाधिकारियों से चर्चा की गई, तो उन्होंने शिकायत करने की बात को दबे हुए शब्दों में स्वीकार भी किया. फिलहाल अब देखना यह हैं कि नगरपालिका प्रभारी सीएमओ, इंजीनियर, राजस्व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का खुला आरोप लगाने वाले परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापति, सुनवाई नहीं होने पर आगे कोई कार्यवाही करते हैं या फिर अपने आलाकमान के निर्देश पर चुपचाप बैठ जाते है?


Web Title : NAPA VARASIVNI CMO, SUB ENGINEER AND BABU INVOLVED IN CORRUPTION, PRESIDENT, VICE PRESIDENT AND CHAIRMEN SEND CHARGE SHEET TO CM