रेलमार्ग के लिए भूमि अधिगृहित के पीड़ित किसान परिवारो का रेल रोको आंदोलन 11 अप्रैल को

कटंगी. आगामी 11 अप्रेल को कटंगी-तिरोड़ी रेल मार्ग भूमि अधिगृहित पीड़ित किसान रेल रोकों आंदोलन करने की तैयारियां कर रहे है. जिसकी सूचना आंदोलनकारी किसानों ने बकायदा रेल विभाग एवं स्थानीय अधिकारियों को दे दी है. यह आंदोलनकारी किसान शहरी क्षेत्र के वार्ड क्रंमाक 02 अर्जुननाला कटंगी बायपास रेलवे पुल के पास किया जायेगा.

दरअसल, रेल प्रशासन ने कटंगी-तिरोड़ी रेल परियोजना के लिए 207 किसानों से साल 2015 में भूमि अधिगृहित की थी. जिसमें से 42 किसान परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी मिल चुकी है, लेकिन 163 किसानों को मात्र मुआवजा ही प्रदान किया गया है. इन किसानों के परिवार के एक सदस्य ने भी नौकरी के लिए आवेदन किया था. मगर रेल प्रशासन इन्हें अब तक नौकरी नहीं दे पाया है, जबकि बेरोजगार युवा कई बार डीआरएम कार्यालय नागपुर और बिलासपुर के चक्कर काट चुके है. नौकरी नहीं मिलने से आक्रोशित बेरोजगार युवा और किसान 11 अप्रैल को रेल रोको आंदोलन करेगें.

गौरतलब हो कि पूरा मामला कटंगी-तिरोड़ी रेल परियोजना भू-अर्जन से जुड़ा है. रेलवे ने इस परियोजना के लिए वर्ष 2015 में 214 किसानों से भूमि अधिग्रहित की थी. भूमि अधिग्रहण के बाद सभी किसानों को मुआवजा प्रदान किया जा चुका है. मगर, रेलवे ने भू-अर्जन के नियमानुसार प्रभावित किसान के परिवार के एक सदस्य को नौकरी नहीं दी है. जानकारी के मुताबिक कटंगी-तिरोड़ी रेल परियोजना के लिए जिन किसानों की भूमि अर्जन की गई उनमें से 163 किसान परिवारों के सदस्यों ने रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन किया था. जिसमें रेलवे 42 लोगों को रेलवे नौकरी दे चुका है लेकिन शेष 121 आवेदकों को लगातार रेल अधिकारी गुमराह कर भ्रामक जानकारी दे रहे है. जिससे युवाओं में आक्रोश पनप रहा है तथा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की वजह से युवा नौकरी नहीं मिलने तक भूख-हड़ताल पर बैठ चुके है. इसके पूर्व भी इन बेरोजगार युवकों ने अक्टूबर 2020 और जनवरी 2021 में तिरोड़ी में शांतिप्रिय धरना प्रदर्शन शुरू किया था. जिसके बाद रेल अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए लिखित में शीघ्र ही नौकरी की कार्रवाई शुरू करने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त करवाया था, लेकिन आज तक रेल प्रशासन ने युवाओं को नौकरी देने के लिए कोई ठोस कागजी कार्रवाई नहीं की है. 163 आवेदकों ने साल 2016 में पहली बार नौकरी के लिए आवेदन किया. आवेदन करने के बाद युवक नौकरी का इंतजार करने लगे. रेलवे ने इन आवेदकों को नौकरी प्रदान करने की पूरी कागजी कार्रवाई और सत्यापन प्रक्रिया में 2 साल का समय गुजार दिया. इस 2 साल में दर्जनों बार आवेदकों को नागपुर कार्यालय बुलाया गया और जब नौकरी देने की बारी आई तो अप्रैल 2019 में महज 42 लोगों को नौकरी प्रदान की गई. बाकि के आवेदकों को पहले वैश्विक माहमारी कोरोना का लिखित बहाना और अब भू-अर्जन अधिनियम 2013 के नियम कायदे-कानूनों का मौखिक रुप से हवाला दिया जा रहा है.

Web Title : RAIL ROKO AGITATION BY FARMER FAMILIES SUFFERING FROM LAND ACQUISITION FOR RAIL ROUTE ON APRIL 11