बालाघाट. वन परिक्षेत्र गढी अंतर्गत आमाटोला बीट के वनरक्षक हरिलाल धुर्वे को गश्त के दौरान आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 111 में, वनग्राम जाराटोला के समीपस्थ भोरमदेव सर्रा नाला के किनारे किसी वन्यप्राणी की मौत से उठने वाली दुर्गंध मिली. जिसकी पड़ताल करने पर पास ही एक मादा चीतल का शव सूखे पत्ते से ढका मिला. जिसके बाद वनरक्षक हरिलाल धुर्वे ने मृत चीतल की सूचना वरिष्ठ अधिकारी को दी गई. मृत चीतल का शव मिलने के बाद घटना स्थल के आसपास उक्त चीतल की मौत का कारण हासिल करने के उद्देश्य से सूक्ष्मता से जांच की गई. जहां एक सफेद रंग के थैले के अंदर लोहे की 02 छुरी हरे पत्तों से ढकी हुई पाई गई.
जिसमें जांच के बाद संदेह के आधार पर टीम ने जराटोला निवासी 40 वर्षीय तिहारी पिता पवनसिंह तेकाम और 39 वर्षीय जयंतलाल पिता पहारी धुर्वे से पूछताछ की गई तो उन्होने बताया कि मृत चीतल के शव को घसीटकर नाले के अंदर सूखे पत्ते से ढककर छिपाया गया था. जिसका मांस खाने के उद्देश्य से उसका मांस काटने के लिए जयंतलाल के घर से 02 लोहे की छुरी लाकर उसे छिपा दिया गया था. जिसके बाद जांच टीम ने विधिवत् कार्यवाही कर आरोपियो को वन्य अपराध में गिरफ्तार कर उन्हें बैहर न्यायालय के माननीय न्यायालय प्रथम श्रेणी बैहर के समक्ष पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में उपजेल बैहर भिजवा दिया गया है. यह पूरी कार्यवाही में क्षेत्र संचालक एस. के. सिंह, उपसंचालक बफर सुश्री अमिथा के. बी. और सहायक संचालक अजय ठाकुर के मार्गदर्शन में गढ़ी परिक्षेत्र अधिकारी गुरूदयाल साहू, भैसानघाट परिक्षेत्र अधिकारी कैलाश बामनिया, गढ़ी परिक्षेत्र सहायक श्रीमति गुनन मरावी, खिरसाड़ी वनरक्षक सुशील कुमार अग्निहोत्री और आमाटोला वनरक्षक हरिलाल धुर्वे का सराहनीय योगदान रहा.