एशियन जालान अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों का हंगामा, अस्पताल प्रबंधन ने कहा कोविड संदिग्ध मानकर किया जा रहा था इलाज, मरीज की हालत जांच के अनुकूल नहीं थी

धनबाद: एशियन जालान अस्पताल एक बार फिर से विवादों में है. यहाँ इलाजरत मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजन का आरोप है कि कोरोना जांच के बगैर ही मरीज को कोरोना इलाज से जुड़े इंजेक्शन व दवाइयां दी गई जिसके कारण मरीज की मृत्यु हो गई.

वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि कोविड संदिग्ध मानकर किया जा रहा था इलाज, मरीज की हालत जांच के अनुकूल नहीं थी. वेंटीलेटर से हटाकर एचआर सिटी नहीं हो पा रहा था. यह जानकारी परिजनों को थी. 

मामले के संबंध में विशनपुर निवासी अभिषेक कुमार ने बताया उन्होंने पिछले 26 अप्रैल को कुमारधुबी के रहनेवाले ससुर को जालान में भर्ती कराया. अस्पताल के डॉक्टर ने तरह तरह की जांच लिख दी और काउंटर में पैसे जमा कराने को कहा गया. 28 अप्रैल तक कोई जांच नहीं हुई. पूछने पर बताया गया कि मरीज की कोरोना जांच की जाएगी.

29 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आएगी. अभिषेक का आरोप है कि 29 को भी अस्पताल ने कोई जांच रिपोर्ट नहीं दिया और बिना जांच रिपोर्ट के ही मरीज की कोरोना का इलाज शुरू कर दिया गया. ऐसे में मरीज की हालत बिगड़ती चली गई. आज मरीज की मौत के बाद भी जांच करने की बात कहकर शव देने से अस्पताल प्रबंधन ने इंकार कर दिया.

अभिषेक ने बताया ससुर के इलाज में डेढ़ लाख रूपये भी अस्पताल वालो ने लिया, परन्तु इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मरीज की जान गई है. अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.

इधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की स्थिति नाजुक थी. उन्हें लगातार नॉन इन्वेसिव वेंटीलेटर पर रखा गया था. मरीज को कोरोना का संक्रमण है या नहीं, इसके लिए उनका एचआर सिटी करना जरूरी था. लेकिन, मरीज के वेंटीलेटर का मास्क खोलने के साथ ही उनकी स्थिति बिगड़ने लगती थी, इसलिए उनका एचआर सिटी टेस्ट नहीं हो पाया. अस्पताल प्रबंधन ने यह भी कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट एशियन जालान अस्पताल में नहीं होता है.लाल पैथलैब करता है, जो किट के अभाव में नहीं हो पाया था. ऐसे में, मरीज के लक्षणों के आधार पर ही उनका इलाज किया जा रहा था.लेकिन, दुर्भाग्यवश, उनकी मौत हो गई.

मौत के बाद परिजनों ने कोरोना जांच करने का दवाब बढ़ाया तो रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया, वो निगेटिव आया. इसका कारण है कि किसी भी डेड बॉडी का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने पर निगेटिव रिपोर्ट ही आएगी. जहां तक पैसे की बात है, परिजनों से हमने डेढ लाख रूपये नहीं लिए हैं. उन्होंने सरकारी रेट के मुताबिक महज दस हजार रूपये जमा कराए थे.

 इधर, परिजन डेड बॉडी को  पोस्टमार्टम कराने के लिए एसएनएमएमसीएच ले गए हैं. जाँच के पश्चात ही मालूम चलेगा की मृत्यु किस कारण से हुई है.  मृतक कोरोना पॉजिटिव था अथवा नहीं.

Web Title : FAMILY MEMBERS CREATE RUCKUS AFTER PATIENTS DEATH AT ASIAN JALAN HOSPITAL, HOSPITAL MANAGEMENT SAYS COVID WAS BEING TREATED AS SUSPICIOUS, PATIENTS CONDITION WAS NOT CONDUCIVE TO INVESTIGATION

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