धराशायी हो गए दो मजबूत किले - झरिया में सिंह मैंशन और निरसा में लालगढ़

धनबाद : 2019 के विधानसभा चुनाव में धनबाद कोयलांचल के दो मजबूत किले धराशायी हो गए- झरिया में दिवंगत सूर्यदेव सिंह के समय से ही स्थापित सिंह मैंशन का किला और निरसा में  दिवंगत गुरुदास चटर्जी के समय से स्थापित लालगढ़.


जनता ने भर दिया पूर्णिमा का आंचल, रघुकुल के वोटों में दोगुना इजाफा

झरिया में ना केवल सिंह मैंशन के साथ बीजेपी की नैया डूबी बल्कि 52 वर्षों के बाद पूर्णिमा नीरज सिंह के रूप में कांग्रेस का उदय हुआ. सही कहा जाय तो रघुकुल की रणनीति सिंह मैंशन पर भारी रही. पूर्णिमा सिंह करीब 12000 मतों के अंतर से विजयी हुईं.

पूर्णिमा को जहां 79786 वोट मिले वहीं निवर्तमान विधायक संजीव सिंह की पत्नी बीजेपी प्रत्याशी रागिनी सिंह को सिर्फ 67732. चुनाव नतीजे की खास बात यह रही कि पिछले दफे की तुलना में कांग्रेस के वोट में करीब 39416 वोटों का इजाफा हुआ.

यह लगभग दोगुना होता है. वहीं बीजेपी के वोट 6330 घट गए. 2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी दिवंगत नीरज सिंह को 403070 वोट मिले थे जबकि संजीव सिंह को 74062. संजीव 33692 मतों के अंतर से विजयी हुए थे.

 मालूम हो कि नीरज सिंह की 21 मार्च 2017 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोप में संजीव सिंह जेल में बंद हैं.

जानकारों के अनुसार हत्या के कारण उपजी सहानुभूति, जनता से उनके मुद्दों पर पूर्णिमा सिंह का बेहतर संवाद, रघुकुल विशेष रूप से नीरज के मौसरे भाई हर्ष सिंह की सटीक रणनीति कांग्रेस की जीत में निर्णायक रही.

यह भी चर्चा हो रही है कि सिंह मैंशन के खासमखास कहे जाने वाले कुछ लोग दरबार में दिखावे को एक से एक डींगे हांक रहे थे मगर फील्ड में तन-मन-धन लगाने में कंजूसी दिखाई.

गौरतलब है कि झरिया सीट पर रिकार्ड सात दफे सिंह मैंशन का कब्जा रहा. चार दफे सूर्यदेव सिंह, दो दफे कुंती सिंह और एक दफे संजीव सिंह विधायक बने. अब सत्ता सिंह मैंशन से खिसक कर रघुकुल के कब्जे में आ गई है.


निरसा में अपर्णा ने बीजेपी को दिलाई निर्णायक जीत 

2014 की तुलना में इस बार निरसा के तीनों प्रमुख दलों एमसीसी, बीजेपी और जेएमएम के वोटों में वृद्धि हुई है. मगर बीजेपी की अपर्णा सेनगुप्ता ने कमाल कर दिया.

उसने 890832 वोट लाकर बीजेपी को 25458 वोटों के भारी अंतर से निर्णायक जीत दिलाई. बीजेपी को इस बार 38536 वोट अधिक मिले. पिछले दफे बीजेपी को 50546 वोट मिले थे.

2014 के चुनाव में 51581 वोट लाकर विजयी हुए एमसीसी के अरूप चटर्जी इस बार 12043 अधिक वोट लाकर भी पराजित हो गए. उन्हें करीब 63624 वोट मिले हैं.

वहीं जेएमएम के अशोक मंडल पिछली बार की तुलना में 3839 अधिक वोट लाकर भी तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें 47168 वोट मिले हैं जबकि पिछ्ली बार 43329 वोट मिले थे.

पिछली बार फाबला की प्रत्याशी रहीं अपर्णा को इस बार बीजेपी प्रत्याशी के रूप में उतारने की पार्टी की रणनीति कारगर हुई. बीजेपी ने यहां अपनी सांगठनिक एकता दिखाई.  

निरसा कई दशकों से लालगढ़ के रूप में जाना जाता रहा है. कि दफे गुरुदास चटर्जी जीते. पिछले तीन दफे से उनके पुत्र अरूप चटर्जी लगातार विजयी होते रहे.

वे इस बार चौका लगाने की हसरत से मैदान में उतरे थे. मगर अपर्णा ने लाल किले को ध्वस्त कर वहां कमल खिला दिया. जनता ने मंत्री के रूप में उनके कार्यों पर मुहर लगा कर फिर उन पर भरोसा किया है.