शेर बनकर शिकार करो, सियार बनकर शिकार खाने की आदत छोड़ो, विधायक हिना कावरे ने एलडब्ल्युई से विधानसभा में मिली रोड की स्वीकृति पर श्रेय लेने वालों पर बोला हमला

बालाघाट. जिले को पहली बार एलडब्ल्युई योजना से नक्सल प्रभावित ग्रामों में मिली सड़को की बड़ी स्वीकृति को लेकर राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ मच गई है, जबकि यह जिले के लोगों का अधिकार है और जनप्रतिनिधियों का काम ही होता है कि वह क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को समझकर उसके निराकरण की दिशा में प्रयास करें, लेकिन जनता के वोटों को चुनकर जाने वाले जनप्रतिनिधि के माध्यम से जिले या क्षेत्र के विकास के कार्यो की शासन से स्वीकृत मिलने के बाद उसे लेकर जिस तरह से राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ मच जाती है, उससे प्रतित होता है कि यदि यह हमारे जनप्रतिनिधि नहीं होते तो शायद ही जिले का विकास हो पाता है. फिलहाल एडब्ल्युई से जिले के नक्सल क्षेत्रो में मिली सड़क और पुलियां निर्माण कार्यो को लेकर इन दिनों राजनीतिक श्रेय लेने की होड़ मचा ही. गत दिवस ही बिना सांसद के हवाला दिये पूर्व विधायक एवं भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे ने लांजी में प्रेसवार्ता आयोजित कर यह बताने का प्रयास किया गया कि विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में पहुंच मार्ग एवं पुल-पुलियों के निर्माण किये जाने के लिए भारत सरकार से आई केन्द्रीय सर्वे टीम को इन सभी स्वीकृत मार्गो की आवश्यकताओं के बारे में बताया गया था. जिसका परिणाम है कि जिले के अकेले लांजी विधानसभा क्षेत्र में 22 मार्ग और 8 उच्चस्तरीय पुलिया निर्माण की स्वीकृति मिली है. जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुश्री हिना कावरे ने एलडब्ल्युई से मिली नक्सल प्रभावित क्षेत्र की सड़को को लेकर राजनीतिक श्रेयबाजी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि जहां योजना के तहत सड़कों और पुलिया का निर्माण होना है, वहां की जनता अच्छे से जानती है कि इसके लिए प्रयास किसने किया है. लांजी में प्रचलित एक संक्षिप्त कहानी बताते हुए कहा कि शेर अपना शिकार करने के लिए खुब मेहनत करता है और वह पहले अपने शिकार को थकाता और फिर शिकार करता है, शिकार को, शेर जितना खा सकता है, खाता है और उसे वैसे ही छोड़ देता है, शेर जब अपने शिकार को खाकर थक जाता और छोड़ देता है तो उस शिकार को आकर खाने वाला सियार ऐसा खाता है, जैसे उसने ही शिकार किया होगा. कुछ ऐसा ही इस योजना का श्रेय लेने को लेकर चल रहा है लेकिन मैं शेरनी हूॅं, शिकार कर छोड़ देती हॅु, फिर उसे सियार खाये या चील कौयंे. बिना किसी का नाम लिए विधायक सुश्री हिना कावरे ने विपक्ष के इस योजना के तहत ले रहे श्रेय पर बड़ा हमला बोला है.

विधायक सुश्री हिना कावरे ने बताया कि लांजी विधानसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित ग्रामों में सड़क और पुलियों के कार्य लंबे समय से प्रस्तावित थे, जिसके लिए लंबे समय से वह प्रयासरत थी, जिनकी आज स्वीकृति मिली है. उन्होंने बताया कि लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सड़को और पुलियों को लेकर वह केन्द्र सरकार से पत्राचार करते रही है और जब प्रदेश में कांग्रेस की 15 महिने तक सरकार रही, उस दौरान इन कार्यो को प्रमुखता से राज्य शासन के माध्यम से केन्द्र सरकार को भिजवाया था. यह भाजपा के मंत्री और नेता भी अच्छे से जानते है कि जो सदन में होता है, उसके काम को प्राथमिकता दी जाती है और तत्कालीन कांग्रेस सरकार में वह विधानसभा उपाध्यक्ष रही है, जिसके चलते उनके विधानसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित कार्यो को प्राथमिकता दी गई थी और उसी का परिणाम है कि आज यह सड़के और पुलिया स्वीकृत हुए है. इसको लेकर मेरे द्वारा विधानसभा में प्रश्न भी किया गया था. उन्होंने कहा कि यदि पूरा काम देखेंगे तो पता चलेगा कि इसके के लिए किसने मेहनत की है, यह एक अच्छी शुरूआत है लेकिन अभी भी और काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि न केवल सड़के और पुलिया बन जाने से आवागमन बेहतर होगा और क्षेत्र में प्रगति होगी अपितु नक्सल गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि स्वीकृति के बाद सड़कों और पुलियो का काम जल्द हो और पूरी गुणवत्ता के साथ हो, इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा. हालांकि उन्होंने बताया कि मेरे विधानसभा लांजी के प्रतिनिधित्व करने के बाद से सड़कों की गुणवत्ता बढ़ी है, जिसका परिणाम है कि जनता ने उन्हें दूसरी बार निर्वाचित किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निर्माण एजेंसी को किसी प्रकार की कोई समस्या न आये और सुरक्षित माहौल में वह कार्य कर सकें, इसके लिए हरसंभव शासन और प्रशासन स्तर पर इसकी मदद की जायेगी.


Web Title : HUNT AS A LION, GIVE UP THE HABIT OF HUNTING AS A JACKAL, MLA HINA KAVRE ATTACKS THOSE WHO TOOK CREDIT FOR THE ROAD CLEARANCE RECEIVED FROM LWE IN THE ASSEMBLY