क्या यह संपत्ति विरूपण में नहीं?, कलेक्टर के आदेश के बाद भी नहीं हटे होर्डिंग्स और वाल पेटिंग

बालाघाट. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के साथ ही सार्वजनिक रास्तो और स्थानो पर लगे राजनीतिक दलों के बैनर और पोस्टर को हटाए जाना है, निर्वाचन अधिकारी के संपत्ति विरूपण को लेकर आदेश के बाद माना जा रहा था कि संपत्ति विरूपण को लेकर संबंधित अमला गंभीर है, लेकिन शहरी क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को प्रदर्शित करती वाल पेटिंग और होर्डिंग्स नजर आने से यह सवाल खड़े होने लगा है कि क्या यह संपत्ति विरूपण में नहीं आता है? या फिर संपत्ति विरूपण की कार्यवाही के आदेश को लेकर अधिनस्थ अमला गंभीर नहीं है.

शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक रास्तो में नजर आने वाली वॉल पेटिंग में सत्ताधारी राजनीतिक दल का प्रचार नजर आने के बावजूद, अब तक इसे मिटाने या हटाने की कार्यवाही नहीं की गईं. शहर में ऐसे कई स्थानो में इसे आसानी से देखा और पढ़ा जा सकता है, जिसमें केन्द्र सरकार की योजनाओं का जिक्र है. खासकर चुनाव के दौरान संपत्ति विरूपण की कार्यवाही को गंभीरता से लिया जाता है और यह प्रयास किया जाता है कि चुनाव के दौरान आम मतदाताओं को प्रलोभित करने वाले, ऐसे होर्डिंग या दीवार लेखन ना हो, जिससे वह किसी राजनीतिक प्रचार के रूप में दिखाई दे. जिसको आदर्श आचरण संहिता लगने के बाद तत्काल प्रभाव से लागु करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन लगता है कि इन निर्देशों को क्रियान्वित करने वाला अमला गंभीरता से नहीं ले रहा है, यही कारण है कि आचार संहिता लागु होने के बाद भी नगरीय क्षेत्र में राजनीतिक नेता के योजनाओं को प्रदर्शित करती वाल पेटिंग, होर्डिंग्स नजर आ रहे है. फिलहाल यह देखना है कि निर्वाचन में संपत्ति विरूपण के इस मामले में कोताही को लेकर, डीईओ, क्या रूख अपनाते है. हमारा प्रयास है कि प्रशासन को नगरीय क्षेत्र में संपत्ति विरूपण के तहत दिखाई जा रही निष्क्रियता को समाचार के माध्यम से संज्ञान में लाए और कड़ाई से आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चत कराए.


Web Title : IS THIS PROPERTY NOT IN DEFACEMENT?, HOARDINGS AND WALL PAINTINGS NOT REMOVED EVEN AFTER COLLECTORS ORDER