बाघ की मौत मामले में एसटीएफ जबलपुर की टीम ने की सर्चिंग, नर बाघ के शिकार के आरोपी का पता बताने वाले को मिलेगा ईनाम, सोनेवानी वनजीव सुरक्षा समिति ने की घोषणा

बालाघाट. जिले में बहुतायात मात्रा में पाए जाने वाले बाघो के शिकार और उनकी मौत की घटनाए, लगातार सामने आ रही है. हालिया दिनों मंे असमय बाघ की मौत ने वन्यजीव प्रेमियों के मन में बाघों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है.  संरक्षित वर्ग में आने वाले बाघों की सुरक्षा को लेकर विभागीय अमला कितना सक्रिय है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिकारियों ने शिकार कर बाघ के शव को बहते पानी में फेंक दिया. जिसकी सूचना, कृषक से वनविभाग को मिली. जिससे उसके विभागीय अमले और मुखबिर तंत्र पर सवाल खड़े होने लगे है. वहीं अधिकारी, रटा-रटाया जवाब दे रहे है कि मामले की जांच की जा रही है.  

वारासिवनी वननिगम से लगे राजस्व क्षेत्र के सावंगी तुमड़ीटोला के कासनाला मंे गत दिवस, बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था. जिसके पंचनामा और पीएम के बाद यह पता चला कि लगभग ढाई वर्षीय बाघ नर था. जिस तरह से उसके जबड़े के ऊपर के दो दांत, पंजे और पंूछ के बाल गायब है, उससे साफ है कि बाघ का किसी ने शिकार किया है और उसके इन अवशेषों को निकालकर बाघ के शव को बहते पानी में फेंक दिया.  वन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो बाघ का शव 5-6 दिन पुराना है और संभवतः इसका शिकार 5-6 दिन पूर्व लगभग 5-6 किलोमीटर के दायरे में किया गया है. बाघ के शिकार और निर्ममता से उसके अंगो को निकालने की गंभीर घटना को देखते हुए जबलपुर एसटीएफ की 5 सदस्यीय टीम डॉग के साथ बालाघाट जांच पहुंची है. जिसने सोमवार को घटनास्थल के आसपास के लगभग आधा दर्जन गांव सावंगी, तुमड़ीटोला, खापा, बोदलकसा, धानीटोला और डोरली मंे निगम अमले के साथ सर्चिंग की.  हालांकि बाघ के मिले शव की विस्तृत पीएम रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन जिस तरह से नर बाघ के कान के पास जलने जैसे निशान मिले है, उससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ का शिकार विद्युत करेंट से किया गया है. इसके अलावा भी अन्य एंगल से विभागीय अमला जांच में जुटा है.  

विभागीय सूत्रो की मानें तो अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सावंगी क्षेत्र में विगत कुछ समय से मादा बाघ, जिन दो शावकांे के साथ घूम रही थी. उसमें कोई है, या फिर अन्य किसी बाघ का शिकार किया गया है. जिसको लेकर भी जांच की जा रही है. वहीं यह भी आशंका व्यक्त की जा ही है कि जहां बाघ का शव मिला है, वह घटनास्थल ना होकर अन्य किसी जगह बाघ का शिकार कर बहते पानी में फेंका गया और बहते हुए बाघ का शव कासनाला में आकर दिखाई दिया. फिलहाल विभागीय अमला, बाघ से जुड़े हर पहलुओं की जांच कर रहा है और उम्मीद जता रहा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.   वही इस मामले में सोनेवानी वनजीव सुरक्षा समिति ने बाघ की निर्मम हत्या में संलिप्त आरोपियों की जानकारी देने वालों का ना केवल नाम गुप्त रखा जाएगा बल्कि उसे 20 हजार रूपए का ईनाम भी दिया जाएगा. सोनेवानी वनजीव सुरक्षा समिति से जुड़े युवा सिकंदर मिश्रा ने बताया कि बाघ की निर्ममता से हत्या करने वाले शातिर शिकार नहीं है बल्कि किसी प्रयोजन से उसके दांत, नाखून और बाल को लेेकर गए है, यदि शिकारी शातिर होते तो वह बाघ का चमड़ा और अन्य अवशेष भी लेकर जाते है. उन्होंने कहा कि जिस निर्मम तरीके से बाघ की हत्या कर उसके पंजे, दांत और बाल लेकर गए है, ऐसे आरोपियांे की गिरफ्तारी के लिए हमारी समिति ने ईनाम घोषित किया है. आरोपियों की जानकारी देने वालों का नाम पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा.  


इनका कहना है

मामले की जांच जारी है, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

मीना मिश्रा, वनमंडलाधिकारी, दक्षिण वनमंडल 

Web Title : IN THE CASE OF TIGER DEATH, STF JABALPUR TEAM SEARCHED, REWARD WILL BE GIVEN TO THE PERSON WHO GIVES INFORMATION ABOUT THE ACCUSED OF HUNTING A MALE TIGER