जैनो का तीर्थ स्थल बनेगा पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन होंगे शामिल, मंदिर को आज हांेगे सौ वर्ष पूर्ण

बालाघाट. यह जैन मान्यता है कि जो मंदिर 100 वर्ष पुराना हो जाता है वह मंदिर जैन बंधुओं के लिए तीर्थ स्थल बन जाता है. जैन बंधुओं के तीर्थ स्थल होने का गौरव आज बालाघाट हासिल करेगा. सामाजिक जानकारों की मानें तो नगर के मेनरोड स्थित श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के लिए उस समय के सामाजिक लोगों ने वर्ष 1911 में जमीन खरीदी और वर्ष 1919 में इस मंदिर में पूजा प्रारंभ की गई और मंदिर शुरू होने के आज 17 मई 2019 को पूरे सौ वर्ष हो जायेंगे और मंदिर तीर्थ स्थल सामाजिक मान्यता अनुसार तीर्थ स्थल बन जायेगा.

आज 17 मई को श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के सौ वर्ष होने की खुशी में श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट द्वारा विगत 15 मई से 100 वीं ध्वजारोहण समारोह का आयोजन कर रहा है. जिसके तहत मंदिर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान अठ्ठारह अभिषेक महापूजन और पार्श्वनाथ महापूजन के कार्यक्रम आयोजित किये गये और आज 17 मई को प्रातः 7 बजे से श्री पार्श्वनाथ भवन में नवकारसी, प्रातः 8 बजे वरघोड़ा भैरवदानजी पगारिया के निवास स्थान से प्रारंभ होगा. जो शहर के गुजरी चौक, पुराना श्रीराम मंदिर से आगे बढ़कर मेनरोड में नावेल्टी हाउस चौक से मंदिर पहुंचेगा. जिसके बाद प्रातः 9 बजे सत्तरभेदी पूजन होगा.  

श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के सौ वर्ष पूर्ण होने पर जानकारी देते हुए मैनेजिंग ट्रस्टी कपूरचंद कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम में समाज के सभी लोगों के साथ मंदिर के तीर्थ स्थल बनने का उत्सव मनाया जायेगा. इस दौरान महाकौशल मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष अभय सेठिया, सिद्धकरण कांकरिया, अशोक वैद्य, महेन्द्र सुराना, अभय कोचर, गौतम कोचर और राकेश सुराना मौजूद थे.

श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर मंे चिंतामणी पार्श्वनाथ भगवान की रखी चमत्कारिक 

एक जानकारी अनुसार श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर में जब से पूजन प्रारंभ हुआ है तब से पूरे सौ साल में कभी यहां पूजन रूका नहीं. जिले में कफ्यु के हालत के बावजूद मंदिर में पूजन होता रहा. मंदिर मंे मूलनायक के रूप में विराजित चिंतामणी पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा को जैन बंधु चमत्कारिक मानते है, जिस प्रतिमा का तेज देखते ही बनता है. मंदिर से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी अनुसार जिनालय में विराजित मूलनायक श्री पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा विक्रम की 13 वीं सदी की बताई जाती है. मूलनायक प्रभु के दांयी ओर प्रतिष्ठित श्री चंद्रप्रभुजी की प्रतिमा शिल्प के आधार पर सम्प्रतिकालीन होना बताया जाता है और मूलनायक प्रभु के बांयी ओर विराजित श्री शांतिनाथ जी की प्रतिमा 170 वर्ष प्राचीन है. मंदिर में 4 से 5 सौ वर्ष प्राचीन धातु प्रतिमायें है. जगतगुरू आ. श्री हीरविजयसूरिजी के पगला वि. स. 1977 की है. बैसाख सुदी 13 को पू. श्री मेघविजयजी, पू. श्री लब्धिसागरजी द्वारा प्रतिष्ठित की गई है. जिनालय का रंग मंडप, स्तंभ, वेदी का शिल्प आज भी आकर्षक है. जिनालय में स्थापित पाषण पट्ट, कांच मंे निर्मित पट्ट, तैलरंगो से बनाये गये चित्र सहित अन्य विशेष रूप से दर्शनीय है. इन पट्ट में प्रमुख प्राचीन जैन तीर्थाें तथा तीर्थंकर भगवान के जीवन की विविध घटनाओं को शिल्पांकित और चित्रांकित किया गया है. दो संयुक्त देरी में गुरूमूर्ति पगलिया विराजित है तथा शासन देव-देवी, मणिभद्र आदि विराजित है. मंदिर में दादा गुरूदेव की प्रतिमा वि. स. 2054 में प्रतिष्ठित की गई है.  

सौ साल से ध्वजारोहण कर रहा पगारिया परिवार

मंदिर के प्रारंभिक साल से मंदिर में प्रतिवर्ष होना वाला ध्वजारोहण नगर का पगारिया परिवार कर रहा है. सामाजिक जानकारों की मानें तो इस वर्ष मंदिर के सौ वर्ष पूर्ण होने पर मंदिर में 100 वां ध्वजारोहण भी भैरवदानजी, सुरेशजी, नरेश जी एवं पगारिया परिवार द्वारा किया जायेगा. जानकारी के अनुसार यह पगारिया परिवार की चौथी पीढ़ी है, जो मंदिर में ध्वजारोहण करेगी. जबकि छोटे शिखर पर नूतन ध्वजारोहण घीसुलालजी, विजयजी एवं अजयजी लूनिया परिवार द्वारा और दादा गुरूदेव छतरी पर ध्वजारोहण तुलसीरामजी, नेमीचंदजी एवं अभय सेठीया परिवार द्वारा किया जायेगा.  

श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर के 100 वें ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे पूर्व मंत्री बिसेन

पूर्व मंत्री एवं बालाघाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक गौरीषंकर बिसेन आज 17 मई को श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर के 100 वें ध्वजारोहण समारोह के सभी कार्यक्रमों में शामिल होंगे. बालाघाट के श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर के आज सौ वर्ष पूर्ण होने पर पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री बिसेन ने कहा कि हमारे लिये यह गौरव की बात है कि श्वेताम्बर जैन मंदिर के 100 वर्ष पूर्ण हो रहें है, जैन मान्यताओें के अनुसार 100 वर्ष पूर्ण होने पर मंदिर को एक तीर्थ के रूप में जाना जाता है. निष्चित तौर पर यह सम्पूर्ण मध्यप्रदेष के लिये एक आदर्ष तीर्थ होगा. श्वेताम्बर जैन मंदिर में विराजित चिंतामणी पार्ष्वनाथ भगवान प्रारंभ से ही मेरे आराध्य रहें है. ऐसे में सभी जिलेवासियों को पार्ष्वनाथ भगवान की प्रतिमा का दर्षन लाभ लेना आज शामिल होना चाहिये. भाजपा मीडिया प्रभारी अभय कोचर ने बताया कि पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री बिसेन के साथ जिलाध्यक्ष रमेष रंगलानी, बालाघाट-सिवनी लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याषी डॉ. ढालसिंह बिसेन भी सभी कार्यक्रमों में शामिल होंगे.  


Web Title : JAINO TO BECOME PARSHWANATH JAIN SHRINE, FORMER MINISTER GAURISHANKAR BIEN TO BE PRESENT, TEMPLE TO BE 100 YEARS FULL TODAY