अधूरे प्रधानमंत्री आवास को पूरा कराने जनपद के सामने आमरण अनशन पर बैठा मजदूर परिवार

लालबर्रा. शासन चाहे शासकीय योजनाओं के सही क्रियान्वयन कितने ही वादे करे परन्तु धरातल पर वस्तुस्थिति कुछ और नजर आती है. वहीं कुछ लोग जो अन्याय सह नही पाते तो मजबूरन शासन-प्रशासन के खिलाफ खड़े होकर मुखर हो जाते जहै. ताकि गूंगा-बहरा प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक उसकी आवाज पहुंच सके. इससे वे स्वयं अपने अंदर आत्मविश्वास तो जगाते ही हैं पर दूसरे लोग भी जो दबंगो के दबाव में कुछ नही कर पाते उन्हें भी गलत के खिलाफ बोलने का हौंसला मिलता है. ऐसा ही एक मामला लालबर्रा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत ददिया का सामने आया है. जहां राजेश कुमार पिता राधेलाल नगीने 24 नवंबर से परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठ गया है. जिसकी जानकारी उनके द्वारा ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को पूर्व में दे दी गई थी. सिजमें उन्होंने बताया था कि मैं परिवार सहित 24 नवम्बर सुबह 08 बजे से जनपद पंचायत लालबर्रा कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठ गये हैं आगे जो भी हो जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी.  

गौरतलब हो कि इसके कुछ दिन पूर्व राजेश नगीने द्वारा तहसील कार्यालय में लिखित शिकायत कि थी. जिसमे आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही की गई. तब उन्होंने कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी बालाघाट, पुलिस अधीक्षक को भी लिखित शिकायत कर आवेदन दिया किन्तु प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार से उचित कार्यवाही नही की गई तो मजबूरन उसे जनपद कार्यालय के सामने दो बेटे, एक बेटी, पत्नी सहित स्वयं भूख हड़ताल में बैठने का निर्णय लिया. साथ ही साथ सत्तासीन जनप्रतिनिधियों की बात करे तो अखबारों के माध्यम से जानकारी लगने पर भी पीड़ित परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचा जिस कारण पेशे से मजदूर पूरा परिवार अपना सब काम छोड़ आमरण अनशन पर बैठने मजबूर हो गया.  

परिवार के मुखिया राजेश कुमार नगीने ने मीडिया मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि ददिया सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा पीएम आवास में नाम आने के नाम पर मेरे साथ धोखा किया गया. मैंने अपना मकान तुड़वा लिया किन्तु अब मुझे पहली किश्त के रूप में जो कि 25000 रुपये की थी मेरे खाते में डाली उसके बाद और अब तक कोई राशि नही डाली गई. जब भी सरपंच,सचिव एवं रोजगार सहायक से इस बारे पूछा तो उनके द्वारा लगातार गोलमाल जवाब दिया गया. उन्होंने यह भी बताया कि सरपंच सचिव के द्वारा मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिए जाने एवं मेरा मकान बनने का स्वीकृति कर मुझे मकान तोड़ने कहा गया एवं आपको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जा रहा है. मेरा मकान बनवाने के लिए पुराना मकान तुड़वा दिया गया. जिसकी शिकायत दिनांक 8 अक्टूबर 2020 को की गई थी जिसके बाद 03 नवम्बर को भी तहसील में ज्ञापन दिया गया. जिसकी जांच आज तक नहीं हो पाई है. मैं और मेरा परिवार कच्चा घासपुस झोपड़ी में रह रहा है जिसके कारण मुझे परिवार सहित भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मैं एक गरीब मजदूर व्यक्ति हूं. मेरे छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं. मैं ग्राम पंचायत की गरीबी रेखा के अंतर्गत आता हूं. ग्राम पंचायत द्वारा 2012 में कच्चे आवासों की सूची में मेरा नाम अंकित है, इन सब के बावजूद भी ग्राम पंचायत सरपंच सचिव मुझे मकान की किश्त न दिलवाकर प्रताड़ित कर रहे हैं. मै आज सुबह 8 बजे से जनपद के सामने अपने परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठा हूं. देर शाम को मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरीशंकर डेहरिया आए और मुझे कहा कि आपका मकान टू रूम में है और काफी बाद में आपका नाम है मैं कल आपके ग्राम ददिया आता हूं आपके पास अगर रहने को मकान नहीं है तो आंगनवाड़ी भवन, सामुदायिक भवन, ग्राम पंचायत या अन्य स्थानों पर आपका पीएम आवास में मकान आ आने तक वैकल्पिक व्यवस्था बना देता हूं लेकिन मैं जब तक मेरा स्वयं का मकान बनाने के लिएराशि मेरे खाते में राशि नहीं डलेगी तब तक मैं अपनी हड़ताल चालू रखूंगा. अगर बच्चों को कुछ होता है तो जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी.  

 इस मामले में कांग्रेस नगर अध्यक्ष मनीष कुशवाहा ने कहा कि ददिया के हितग्राही राजेश नगीने छोटे-छोटे बच्चे को पत्नी के साथ आमरण अनशन पर जनपद के समक्ष बैठे हुए हैं, मैं सुबह भी और दोपहर को भी आया और हमारा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी इनकी दुख दर्द बांटने पहुंचा है, देखने में आया कि पूर्व में राजेश नगीने का प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ जिसके बाद हितग्राही को प्रथम किस्त भी प्रधानमंत्री आवास की मिल चुकी थी जिन्होंने अपने मकान को तोड़कर फाउंडेशन भी तैयार कर लिया. स्थिति यह है कि खुले आसमान के नीचे झोपड़ी बनाकर वह रह रहा है, जिसे सरपंच सचिव व रोजगार सहायक द्वारा अग्रिम राशि ना दिया जाकर गोलमोल जवाब दिया जा रहा है. प्रशासन इतना निकम्मा है कि सुबह से आमरण अनशन पर बैठे छोटे-छोटे बच्चे जिन की सुध लेने देर शाम तक कोई नहीं पहुंच पाया है. इनकी समस्या को प्रमुखता से नहीं लिया गया तो जिला कलेक्टर के सामने इनके साथ प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

Web Title : LABOUR FAMILY SITTING ON FAST UNTO DEATH IN FRONT OF DISTRICT TO COMPLETE UNFINISHED PMS RESIDENCE