बालाघाट. नाबालिग बालिका का अपहरण कर उसे अपने साथ ले जाने और उसकी मर्जी के बिना नागपुर में एक कमरे में रखकर उसके साथ दुष्कर्म कर उसे गर्भवती किये जाने के मामले में बालाघाट न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास और 30 हजार रूपये के अर्थदंड सेे दंडित करने का आदेश दिया है.
मीडिया प्रभारी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विमलसिंह ने बताया कि 29 नवंबर 2018 को लगभग साढ़े 15 वर्षीय नाबालिग बालिका, घर से बिना बताये कहीं चले गई थी. जिसकी शिकायत पर भरवेली पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था और लगातार अपह्रत बालिका की पुलिस तलाश कर रही थी.
घटना के लगभग 4 माह बाद पुलिस को मुखबिर से पता चला कि अपह्रत बालिका नागपुर के बुट्टाहजारी में है, जहां से पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर आरोपी को अपने साथ थाने लेकर पहुंची थी. पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर उसे घरवालों को सौंप दिया था. जिसमेें नाबालिग बालिका के दिये गये आरोपी के खिलाफ बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया था. पीड़िता नाबालिग बालिका ने अपने पुलिस कथन और न्यायालयीन कथनों में बताया था कि अभियुक्त ने उसे करीब 3-4 महीने नागपुर के एक कमरे में रखा था और शादी का प्रलोभन देकर लगातार उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया.
आरोपी के विरूद्ध दर्ज मामले की विवेचना उपरांत पुलिस ने अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया. जिसमें विचारण चल रहा था. 18 मई को मामले में विचारण उपरांत बालाघाट न्यायालय के माननीय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने आरक्षी केन्द्र भरवेली के इस मामले में भरवेली थाना अंतर्गत खामटोला वार्ड क्रमांक 21 निवासी आरोपी विजय उर्फ छोटू पिता लक्ष्मण भलावी को दोषी पाते हुए को धारा 363 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा 366 (क) भा. द. वि. में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड तथा धारा 6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है. इस मामले में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले ने पैरवी की थी.