मुथूट डाकाकांड में पुलिस एनकाउंटर को सीआईडी की क्लीनचिट

धनबाद: बैंक मोड़ के मुथूट फिनकार्प में डाका डालने आए कथित डकैत भूली निवासी शुभम सिंह के एनकाउंटर की सीआईडी जांच लगभग पूरी हो गई है. प्रारंभिक जांच में सीआईडी ने पुलिस की कार्रवाई को सही पाया है. सीआईडी जांच में एनकाउंटर में पुलिस की भूमिका में कोई चूक सामने नहीं आई है. जल्द सीआईडी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी में है.

सीआईडी की टीम ने घटना के संबंध में मुथूट फिनकार्प के मैनेजर व कर्मियों के अलावा कई प्रत्यक्षदर्शियों का बयान लिया है. डकैतों के पास से बरामद देसी पिस्टल, पुलिस इंस्पेक्टर व सिपाही के हथियारों की बैलिस्टिक व फोरेंसिक जांच, मृतक शुभम सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पोस्टमार्टम के डॉक्टर के बयान व अन्य साक्ष्य के आधार पर सीआईडी टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पुलिस एनकाउंटर सही है. घटना के दिन मौके पर ऐसी परिस्थिति बनी, जिसमें पुलिस को गोली चलानी पड़ी. पुलिस ने जीवन सुरक्षा में गोलियां चलाईं और एक डकैत को मार गिराया. साथ ही दो डकैतों को पकड़ा.

छह सितंबर 2022 की सुबह पांच अपराधी बैंक मोड़ के मुथूट फिनकार्प के दफ्तर में डकैती डालने पहुंचे थे. बैंक मोड़ थाना प्रभारी पीके सिंह, उनके अंगरक्षक उत्तम कुमार और साक्षर पुलिस गौतम कुमार ने डकैतों को ललकारा तो डकैत फायरिंग करते हुए भागने लगे. इसी बीच इंस्पेक्टर पीके सिंह ने जवाबी कार्रवाई में कथित डकैत भूली के शुभम सिंह को मार गिराया था. पुलिस ने डकैती करने आए आसिफ उर्फ माया और राहुल उर्फ राघव को मौके पर दबोचा था जबकि समस्तीपुर निवासी रमेश ठाकुर उर्फ शंकर और वैशाली निवासी शिवम कुमार उर्फ छोटू सिंह उर्फ टोकियो मौके से भागने में सफल रहे थे. इस केस में अपराधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई सुस्त है. कांड में शामिल रम्मी के अलावा बेउर जेल में बंद कुख्यात सोना लुटेरा सुबोध सिंह और राजीव सिंह पर भी पुलिस शिकंजा नहीं कस पाई.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर होती है सीआईडी जांच

सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में पुलिस एनकाउंटर के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया था. सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन में कहा गया है कि हर एनकाउंटर की सीआईडी और मजिस्ट्रियल जांच होनी चाहिए.