शिक्षा मंत्री का आदेश और कोरोना संकट डिनोबली स्कूल एफआरआइ के ठेंगे पर, अभिभावकों को मैसेज कर फीस भरने का बना रहा दवाब

धनबाद : पूरे विश्व के साथ-साथ अपना देश कोरोना संकट से हलकान है. पिछले आठ दिनों से पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश से लाॅक डाउन है.

निजी उद्योग से लेकर सरकारी कार्यालय तक बंद है. दवा और राशन दुकानों को छोड़ दें, तो क्या स्कूल और क्या काॅलेज और क्या यूनिवर्सिटी; देश में हर कुछ बंद है.

सरकार लोगों को सहूलियत प्रदान करने के लिहाज से तीन महीने का राशन, तीन महीने का पेंशन दे रही है. तीन महीने के ईएमआइ पर भी राहत दी गई है.

लेकिन, धनबाद के एक स्कूल को अपनी फीस की पड़ी है. स्कूल की ओर से वहां पढ़ने वाले अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज भेज कर फीस भरने को कहा जा रहा है. ऐसा तब हो रहा है जब सूबे के शिक्षा मंत्री ने यह आदेश दिया है निजी स्कूल लाॅक डाउन की अवधि की ट्यूशन और बस की फीस नहीं ले सकते हैं.  

डिनोबली स्कूल एफआरआइ की है ये करतूत 

डिगवाडीह स्थित डिनोबली स्कूल एफआरआइ की ओर से अभिभावकों के फोन पर एक मैसेज भेजा जा रहा है. इसमें यह कहा जा रहा है कि गूगल प्ले से आपलोग एप डाउनलोड कर लें और उसमें यूजर आइडी और पासवर्ड क्रिएट कर ले.

यह काम अपने रजिटर्ड नंबर से करें. इसके साथ ही यह बताया जा रहा है कि मार्च और अप्रैल की फीस लेने के लिए यह एप एक्टिव है.

शिक्षा मंत्री ने यह दिया है आदेश 

झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि निजी स्कूल लॉक डाउन की अवधि की ट्यूशन और बस फीस नहीं ले सकते.

मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान करोना संकट में सभी का सहयोग जरूरी है और निजी स्कूलों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए.

इसके बावजूद यदि कोई स्कूल अभिभावकों से उक्त अवधि का शुल्क वसूलते हैं तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.

मंत्री का कहना है कि जब स्कूल बंद होने की स्थिति में बस चलेगी ही नहीं तो स्कूल बस शुल्क कैसे ले सकते हैं? बता दें कि कई स्कूल गर्मी की छुट्टी की अवधि का बस शुल्क अभिभावकों से नहीं लेते. हालांकि कई स्कूल इस अवकाश अवधि का भी शुल्क वसूलते हैं.

जैक ने कल ही सभी स्कूलों को पत्र देकर कहा है कि ना लें लाॅकडाउन अवधि की फीस

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के सचिव महीप सिंह ने 31 मार्च को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जैक, सीबीएसई, आइसीएसई सहित अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्राचार्य को पत्र लिखा है.

इसमें उन्होंने शिक्षा मंत्री के आदेश का हवाला देते हुए लाॅक डाउन अवधि की फीस और बस किराया विद्यार्थियों ने न वसूलने का अनुरोध किया है.    

सवाल कि जब स्कूल बंद, तो अभिभावकों को मार्च-अप्रैल की फीस की सूचना कौन भेज रहा है 

लाॅक डाउन के कारण सारे स्कूल बंद हैं. शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक घरों में हैं. फिर, स्कूल की तरफ से यह आदेश कैसे जारी होता है. फीस से संबंधित मैसेज अभी भेजना असंवेदनशीलता का परिचायक है.  

नया एप बना है, उसका मैसेज भेजा गया, टीचर को भी तो सैलेरी देनी है : प्राचार्य 

मामले में जब सिटी लाइव ने डिनोबली स्कूल एफआरआइ के प्राचार्य से बात की, तो उन्होंने कहा कि फीस भरने का कोई दवाब नहीं दिया जा रहा है.

एक नया एप बना है, उसी का मैसेज अभिभावकों को भेजा गया है. हमें शिक्षा मंत्री के आदेश की पूरी जानकारी है. हालांकि, स्कूल के टीचर को भी तो सैलेरी देनी होती है.