जब हार्ट में ऑक्सीजन युक्त ब्लड का फ्लो अचानक कम हो जाता है, तब हार्ट अटैक होता है. हार्ट अटैक के सबसे सामान्य लक्षणों में सीने में दर्द, सीने पर किसी तरह का दबाव महसूस होना या एक मिनट से अधिक समय के लिए होनेवाली असुविधा शुमार रहता है. जहां कुछ महिलाओं में इस तरह के लक्षण देखे जाते हैं, वहीं सीने में दर्द वाले लक्षणों की बात की जाए तो ये पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक पाए जाते हैं.
सीने में होने वाले आम दर्द की बजाय सीने में तीव्र दर्द (एनजाइना) से ग्रसित महिलाए सांस लेने में तकलीफ़, पेट में असहजता, चक्कर आने, पसीना आने, हाथ में दर्द, गर्दन में दर्द जैसी शिकायतों से पीड़ित हो सकती है. पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं को अमूमन इस तरह के लक्षणों का आभास आराम करते वक्त या फिर सोने के दौरान अधिक होता है. कई बार ऐसा भी हो सकता है कि महिलाओं में इस तरह के लक्षण दिखाई ही न दें. हृदय संबंधी बीमारी से मौत का शिकार होनेवाली दो-तिहाई महिलाएं ऐसी होती हैं, जिनमें पहले किसी तरह का कोई लक्षण नहीं पाया जाता है. हार्ट अटैक से पहले महिलाओं में कौन से लक्षण दिखाई देने लगते हैं इस बारे में हमें एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुम्बई के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संतोष कुमार डोरा बता रहे हैं-
महिलाओं में हार्ट अटैक से जुड़े कुछ लक्षण
गर्दन, जबड़े, कंधे, पीठ की ऊपरी तरफ़ अथवा पेट में तकलीफ़
सांस लेने में तकलीफ़
एक या दोनों हाथों में दर्द
जी मचलना अथवा उल्टियां होना
पसीना आना
चक्कर आना
असामान्य रूप से थकावट
अपचन
ये तमाम लक्षण असामान्य हैं और इन्हें सीने में होनेवाले तीव्र दर्द की तरह आसानी से नहीं पहचाना जा सकता है. यही वजह है कि महिलाएं इन लक्षणों को समय रहते नहीं पहचान पाती हैं. ऐसे में ज़्यादातर महिलाएं हृदय को भारी क्षति पहुंचने के बाद इमर्जेंसी मामलों के तौर पर सामने आती हैं.
महिलाओं में हार्ट संबंधी बीमारियों का कारण
महिलाओं में हार्ट संबंधी बीमारियों की मुख्य वजहों में तनाव, बीमारी से संबंधित पारिवारिक इतिहास का होना और रजोनिवृति शामिल है. रजोनिवृति के बाद महिलाओं में हार्ट संबंधी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है.
दुनियाभर में हार्ट संबंधी बीमारियां महिलाओं की मौत का एक बड़ा कारण साबित होती है, लेकिन ख़ुशी की बात यह है कि इस बीमारी से बचाव संभव है. उल्लेखनीय है कि अगर महिलाओं को अपनी ज़िंदगी के हर पड़ाव पर हार्ट संबंधी बीमारियों के अनूठे लक्षणों और इसके ख़तरों के बारे में जानकारी हो जाए, तो वे हार्ट संबंधी रोगों से आसानी से बच सकती हैं.