1.5 टन परमाणु हथियार ले एक साथ चीन, पाकिस्तान और मालदीव पर बरसा सकता है कहर, दिव्यास्त्र की 10 खूबियां

भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने सोमवार को अपने ´मिशन दिव्यास्त्र´ के तहत ‘मल्टीपल इंडिपेंडेंट टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल’ (MIRV) प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश निर्मित अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया, जिनके पास MIRV क्षमता है. यह तकनीक सुनिश्चित करेगा कि एक ही मिसाइल विभिन्न स्थानों पर एक ही समय पर कई हथियार तैनात कर सके.

यह क्षमता रक्षा क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रौद्योगिकीय कौशल का भी प्रतीक है. अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है और इसे देश की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है. यह मिसाइल चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी जद में ला सकती है.

इससे पहले के सफल परीक्षणों वाली अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की रेंज 700 किलोमीटर  से 3,500 किमी तक है, जो पहले ही तैनात की जा चुकी हैं. अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमाओं के भीतर और बाहर दुश्मन देशों की बैलिस्टिक मिसाइलों को भेदने की क्षमता विकसित करने पर काम कर रहा है.  

बहरहाल, पीएम मोदी ने इस उपलब्घि पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. एमआईआरवी टेक्नोलॉजी अपने आप में कई तरह से खास है. इसके जरिए किसी मिसाइल में एक ही बार में 1. 5 टन तक परमाणु हथियार ले जाया जा सकता है. मिशन दिव्यास्त्र की खासियतों की बात करें तो इसके जरिए अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है. इसके अलावा इसे सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है.  

DRDO के मिशन दिव्यास्त्र की 10 खूबियां:
1. इस मिसाइल में सेंसर टेक्नोलॉजी के साथ-साथ 1. 5 टन परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता है.
2. MIRV तकनीक वाली अग्नि-5 मिसाइल एक साथ कई सौ किलमीटर में फैले तीन ठिकानों पर हमला कर सकता है और उसे तबाह कर सकता है.
3. यह 29,401KM प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन के ठिकानों पर हमला करती है. यानी पलक झपकते ही यह पाकिस्तान, चीन और मालदीव के ठिकानों को तबाह कर सकती है.
4.  इस मिसाइल की रफ्तार ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है. यानी एक सेकंड में यह 8. 16 KM का सफर तय कर सकती है.
5. इस मिसाइल का वजन 50,000 किलोग्राम है. यह 1. 5 मीटर लंबी है.
6. इस अग्नि-5 मिसाइल में जीपीएस के अलावा NaVIc सैटेलाइट गाइडेड सिस्टम और लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम लगा हुआ है.
7. इसकी वजह से यह मिसाइल दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला कर सकता है.
8. अगर टारगेट से 10 से 80 मीटर की दूरी पर भी ये मिसाइल अटैक करती है तो दुश्मन के ठिकाने का बचना मश्किल है.
9. इस पर दो से दस हथियार तक लैस किए जा सकते हैं.
10. इस मिसाइल में तीन चरण के रॉकेट बूस्टर हैं, जो ठोस ईंधन से उड़ते हैं.

चीन का दावा है कि भारत की अग्नि-5 मिसाइल की मारक क्षमता 8000 किलोमीटर तक है. अगर इसे चीन की तरफ लक्षित किया जाता है तो यह चीन के सुदूर-पूर्वी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र को आसानी से टारगेट कर सकती है, जिसकी दिल्ली से दूरी 4500 किलोमीटर के करीब है. यानी इस मिसाइल की जद में पूरा चीन आ सकता है. पाकिस्तान और मालदीव तो बहुत नजदीक है. यूरोप तक इसकी मारक क्षमता है.

Web Title : 1.5 TONNES OF NUCLEAR WARHEADS CAN WREAK HAVOC ON CHINA, PAKISTAN AND MALDIVES SIMULTANEOUSLY, 10 FEATURES OF DIVYASTRA

Post Tags: