बंगाल के रण में बीजेपी का सबसे बड़ा दांव पीएम मोदी के साइलेंट वोटर पर

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी को मात देने के लिए बीजेपी ने तमाम बड़े वादे किए हैं. राज्य के 7. 18 करोड़ मतदाताओं में से 3. 15 करोड़ यानी करीब 49 प्रतिशत महिलाएं हैं. ऐसे में बीजेपी की नजर सूबे के साइलेंट वोटर यानी महिला मतदाताओं के साथ-साथ भूमिहीन किसान से लेकर एससी-एसटी और मछुआरों पर है. इन्हें साधने के लिए बीजेपी ने सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी महिलाओं की आरक्षण देने का वादा किया हो या फिर हर परिवार से एक सदस्य की सरकारी नौकरी की बात, बंगाल के रण में किए गए ये तमाम वादे बीजेपी शासित राज्यों की हकीकत से कोसों दूर हैं.  

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि देश के दूसरे राज्यों के उलट बंगाल की महिलाएं सिर्फ पति या घर के मुखिया के कहने पर वोट नहीं देतीं. राजनीतिक रूप से जागरूक इन महिलाओं की अपनी समझ भी है. इसलिए कुछ तबकों को छोड़ दें तो ज्यादातर घरों में अपने वोट का फैसला महिलाएं खुद करती हैं. पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी दोनों दल महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं. इस रणनीति के तहत न सिर्फ देश के गृह मंत्री और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मोर्चा संभाला है बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी बढ़-चढ़कर इस साइलेंट वोटर को अपनी पार्टी के पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं.

सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी महिला आरक्षण 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए बीजेपी का चुनाव घोषणा पत्र जारी करते हुए वादा किया कि राज्य में यादि पार्टी की सरकार बनती है तो राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. वहीं, बीजेपी ने अभी तक बंगाल में 294 में से सिर्फ 24 महिलाओं को ही टिकट दिया है, जो कि महज 7 फीसदी के करीब होता है. हालांकि, अभी पांच-सात सीटों की लिस्ट आनी बाकी है.  

मौजूदा समय में देश के 12 राज्यों में बीजेपी के अपने मुख्यमंत्री हैं और पांच राज्यों में वह सहयोगी दल के तौर पर शामिल है. इनमें से महज बिहार में ही नीतीश सरकार सरकारी नौकरियों के सभी पदों पर सीधी भर्ती के लिए महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दे रहे हैं जबकि बाकी बीजेपी शासित राज्य में महिलाओं को नौकरी में आरक्षण का प्रावधान नहीं है. हालांकि, 2015 में एमपी की शिवराज सरकार ने सरकारी नौकरी में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का कदम उठाया था, लेकिन उसे अमलीजामा नहीं बना सके. वहीं, पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार भी 33 फीसदी महिलाओं को सरकारी नौकरी में आरक्षण दे रही है.  

3 हजार रुपये की विधवा पेंशन देने का वादा

ने पश्चिम बंगाल के अपने चुनावी घोषणा पत्र में विधवा पेंशन को एक हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये देने का वादा किया है. हालांकि, बीजेपी शासित किसी भी राज्य में अभी तक विधवा महिलाओं को तीन हजार रुपये पेंशन नहीं दी जा रही है. मध्य प्रदेश में महिलाओं के भाई और बच्चियों के मामा के तौर पर चर्चित शिवराज सिंह की सरकार भी विधवा पेंशन के तौर पर 600 रुपये पेंशन देती है जबकि उत्तर प्रदेश में तीन सौ रुपये दिए जाते हैं. हालांकि, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की ऐसी अकेली बीजेपी सरकार है, जो एक अप्रैल से 2250 रूपये प्रति महीने के दर से विधवा पेंशन देगी. इससे पहले वह 2 हजार रुपये प्रति माह दे रही थी.  

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मुफ्त यात्रा का वादा

बीजेपी ने बंगाल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का वादा किया है. इतना ही नहीं लड़कियों की पढ़ाई केजी से पीजी तक मुफ्त देने का वादा भी बीजेपी ने किया है, जो काफी अहम और महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बंगाल की राजनीति में महिलाओं की काफी अहम भूमिका रहती है.

बीजेपी के अपने 12 राज्यों और बाकी पांच सहयोगी दलों के राज्य में से किसी भी राज्य में महिलाओं को पब्लिक मतलब सरकारी ट्रांसपोर्ट में मुफ्त यात्रा की रियायत नहीं दी जा रही है. हालांकि, देश में सिर्फ दिल्ली में ही सरकारी बसों पर महिलाओं को मुफ्त यात्रा की छूट अरविंद केजरीवाल सरकार ने साल 2019 से दी है. ऐसे ही केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा के लिए हरी झंडी दी थी, लेकिन अभी तक यह साकार नहीं हो सका है. वहीं, देश के बाकी राज्यों में रक्षाबंधन और भैयादूज जैसे त्योहार पर महज एक दिन के लिए जरूर मुफ्त यात्रा की छूट मिलती है.  

परिवार से एक सदस्य को नौकरी का वादा

बीजेपी ने मेनिफेस्टो में वादा किया है कि यदि पश्चिम बंगाल में उनकी सरकार बनती है तो पांच साल के भीतर हर परिवार से कम से कम एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा. ऐसे ही बीजेपी ने भूमिहीन किसान को सालाना 4 हजार रुपये देने का वादा किया है. अभी देश के किसी भी राज्य में भूमिहीन किसानों को आर्थिक तौर पर कोई मदद नहीं दी जा रही है. ऐसे ही न तो किसी भी बीजेपी शासित राज्य में प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को रोजगार देने जैसी पहल की गई और न ही कोई वादा किया गया है. फरवरी 2021 के सेंटर फॉर मॉनिटियरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक देश में हरियाणा में सबसे ज्यादा 26. 4, गोवा में 21. 1 हिमाचल में 15. 1, बिहार में 11. 5 और त्रिपुरा में 11. 1 फीसदी बेरोजगारी दर है, ये सभी बीजेपी शासित राज्य हैं. बंगाल में सिर्फ 6. 2 फीसदी बेरोजगारी है, जो बीजेपी के कई राज्यों से बेहतर स्थिति में दिखाई दे रहा है.

Web Title : BJPS BIGGEST STAKE IN BENGALS RANN ON PM MODIS SILENT VOTER

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