लोस चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस का बड़ा फैसला, एक महीने तक न्यूज डिबेट में नहीं जाएंगे कोई भी प्रवक्ता

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में मंथन जारी है. जहां एक तरफ पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे को लेकर अड़े हैं वहीं कई राज्यों की कांग्रेस इकाईयों में भी बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. गुरुवार को कांग्रेस के हवाले से एक और खबर मिली है. ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने अब अपने प्रवक्ताओं को न्यूज डिबेट में नहीं भेजने का फैसला किया है. खबर है कि कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि अगले एक महीने तक कांग्रेस का कोई भी प्रवक्ता किसी भी चैनल के टीवी डिबेट में हिस्सा न लें.  

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार रात को ट्वीट कर यह जानकारी दी है. सुरजेवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, ´भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक महीने तक अपने प्रवक्ताओं को न भेजने का निर्णय लिया है. सभी मीडिया चैनलों/संपादकों से यह अनुरोध है कि वह अपने शो में कांग्रेस के प्रतिनिधियों को न बुलाएं´

कांग्रेस ने चुनावी हार पर चर्चा के लिए 31 मई को विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई

लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस ने अपनी हार के संभावित कारणों पर चर्चा करने के लिए 31 मई को संसद में विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है. विपक्षी पार्टियां संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति पर भी विचार-विमर्श कर सकती हैं. संसद का सत्र छह जून से शुरू होने की संभावना है.  

बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट मशीनों में कथित विसंगतियों के मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे और इसके अगले दिन कांग्रेस ने यह बैठक बुलाई गई है. लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए आगामी एक जून को पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है.

नेता चुनने के लिए एक जून को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक

लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए आगामी एक जून को पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में नेता चुनने के साथ ही किसी सांसद को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है.

पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक संसद के केंद्रीय कक्ष में होगी और इसमें आगामी सत्र के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी. दरअसल, कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 52 सीटें हासिल हुई हैं जिस वजह से सदन में उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर नहीं मिलेगी.

कांग्रेस के सामने इस बार नेता चुनने के समय एक बड़ी मुश्किल और आएगी कि उसके पास बहुत सारे विकल्प नहीं हैं. पार्टी नेताओं के एक धड़े के बीच यह चर्चा भी है कि पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े 

राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी के नेता की जिम्मेदारी दी जा सकती हैं. हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे फिलहाल अटकलबाजी ही करार दे रहे हैं. अगर राहुल गांधी इस भूमिका में नहीं आते हैं तो फिर वरिष्ठता और दूसरे समीकरणों के लिहाज से कांग्रेस के पास दो प्रमुख विकल्प शशि थरूर और मनीष तिवारी हैं. थरूर लगातार तीसरी बार केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से चुनाव जीते हैं तो पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी इस बार पंजाब की आनंदपुर साहिब सीट से लोकसभा पहुंचे हैं.  

इससे पहले 16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में कांग्रेस के नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य सचेतक थे. इस बार दोनों चुनाव हार गए हैं.

Web Title : CONGRESS PARTY HAS DECIDED TO NOT SEND SPOKESPERSONS ON TELEVISION DEBATES FOR A MONTH RANDEEP SINGH SURJEWALA

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