बागी और विलेन से ऐसे NCP के हीरो बन गए पूर्व डिप्टी CM अजित पवार

नई दिल्ली : महाराष्ट्र की रानजीति में सबसे बड़ी हलचल तब हुई जब 23 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने के बाद राज्य में जो सियासी भूचाल आया, उससे एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना जैसी पार्टियां एक साथ सकते में आ गईं. क्योंकि उससे ठीक पहले उद्धव ठाकरे के सीएम बनने का माहौल पूरी तरह बन चुका था. लेकिन अजित पवार के बागी तेवर ने गठबंधन के दल शिवसेना और कांग्रेस को एनसीपी पर हमला करने का मौका दे दिया. इसकी चपेट में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी आए, लेकिन वो अजित पवार के इस फैसले से लगातार किनारा करते रहे.

वहीं, डिप्टी सीएम रहते हुए अजित पवार ने एनसीपी से नाता नहीं तोड़ा, लेकिन वो कार्यवाहक सीएम देवेंद्र फडणवीस के भी संपर्क में बने रहे. शायद यही वजह थी कि उन्हें बागी के साथ विलेन के रूप में भी देखा गया. खैर अब अजित पवार ना तो डिप्टी सीएम हैं और ना ही एनसीपी विधायक दल के नेता, लेकिन पार्टी में उनके प्रति चाहत अभी बरकरार है.   

बुधवार को शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस के कई नेता विधान भवन में हर पार्टी के विधायक का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे थे, लेकिन इस दौरान सबसे चौंकाने वाली मुलाकात अजित पवार और सुप्रिया सुले की रही. पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार का उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने स्वागत किया, जिसके बाद अजित पवार उन्हें मुस्कुराते हुए गले लगाया था.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार को गठबंधन में ठीक स्थान मिलेगा, वो बहुत बड़ा काम करके आए हैं. इससे पहले राउत ने बीजेपी द्वारा अजित पवार को ब्लैकमेल किए जाने का आरोप लगाया था. संजय राउत ने कहा था बीजेपी ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर सत्ता में आना चाहती है.

बुधवार को एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘उन्होंने (अजित पवार) अपनी गलती मान ली है. ये परिवार का मामला है, पवार साहेब ने उन्हें माफ कर दिया है. वह पार्टी में ही हैं और उनका पद नहीं बदला है.

विधायक पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा कि मैं एनसीपी में था और हूं. उन्होंने कहा कि एनसीपी ने उन्हें पार्टी से निकाला ही नहीं है, अब पार्टी ही उनका रोल तय करेगी. अजित पवार बोले कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदला. इससे पहले 24 नवंबर को भी अजित पवार एनसीपी में होने की बात लेकर ट्वीट किया था.

समाजवादी पार्टी के अबु आजमी ने कहा ´अजित पवार को सलाम, उन्होंने बहुत महान काम किया है´. वहीं धनंजय मुंडे ने कहा था कि मैं धरती का खुशनसीब हूं, जो बीजेपी में नहीं गया. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अजित पवार बड़े नेता हैं और वो बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगे.   

बुधवार को प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने सभी विधायकों को शपथ दिलाई थी. इस दौरान विधान भवन के बाहर एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के समर्थन में नारे लगाए. कार्यकर्ता नारा लगाते हुए कह रहे थे ´हमारा नेता कैसे हो, अजित दादा जैसा हो.

Web Title : FORMER DEPUTY CM AJIT PAWAR BECOMES NCP HERO FROM REBEL AND VILEN

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