टिकटों की लिस्ट आने से पहले ही गौतम गंभीर ने छोड़ दी राजनीति, वजह क्या बताई

पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली से मौजूदा सांसद गौतम गंभीर ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.  उन्होंने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि वह फिलहाल क्रिकेट पर फोकस करना चाहते हैं और राजनीतिक दायित्वों से मुक्त होना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात की है.  

उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष  जेपी नड्डा जी से अनुरोध किया है कि वह मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं अपनी आगामी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह को दिलय से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर दिया. जय हिन्द!

गौतम गंभीर फिलहाल पूर्वी दिल्ली से बीजेपी की टिकट पर लोकसभा सांसद है. गौतम गंभीर ने राजनीतिक दायित्वों से फिलहाल के लिए दूरी बनाने का ऐलान ऐसे समय में किया है जब बीजेपी लोकसभा चुनावों के लिए 100 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों के लिए जारी की जाने वाली लिस्ट में कई सांसदों का टिकट कट सकता है. इस लिस्ट में गौतम गंभीर का नाम भी शामिल था.  

 क्रिकेट से लेकर राजनीति तक कैसा रहा सफर?

क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से आप की आतिशी को हराया था.  2007 और 2011 की भारत की विश्व कप जीत में  उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा वह इंडियन प्रीमियर लीग में सबसे बड़े नामों में से एक हैं. वह देश के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटरों में से एक रहे हैं. उन्होंने 58 टेस्ट मैचों में 41. 96 की बेहतरीन औसत से 4,154 रन बनाए. वनडे में उन्होंने 147 मैचों में 39. 68 की औसत से 5,238 रन बनाए. वह वर्तमान में शाहरुख खान की आईपीएल टीम, कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर हैं.

पहले से ही हो गया था टिकट कटने का अंदेशा

वहीं राजनीतिक पारी के दौरान सांसद बने गंभीर कुछ खास सक्रिय नहीं रहे.  चुनिंदा अवसर पर ही वो पार्टी की तरफ से चलाए गए अभियानों व धरना प्रदर्शनों में शामिल हुए. यहां तक की स्थानीय स्तर पर पार्टी के अन्य नेताओं के साथ उनके मतभेद बने रहे जिससे शीर्ष नेतृत्व भी उनसे नाराज था. लगातार मिल रही शिकायतों और उनकी बेहद कम सक्रियता के बीच पार्टी नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्वी दिल्ली से गंभीर का टिकट काट कर नए प्रत्याशी को मैदान में उतारने का भी मन बना लिया. इसी का नतीजा है कि आगामी लोकसभा प्रत्याशी के लिए दिल्ली भाजपा की तरफ से केंद्रीय चुनाव सीमित को पूर्वी दिल्ली सीट के लिए प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और प्रदेश इकाई में महामंत्री हर्ष मल्होत्रा का नाम प्रस्तावित किया है. ऐसे में पार्टी से जुड़े लोग बताते हैं कि गौतम गंभीर को साफ अंदेशा हो गया था कि उनका टिकट कटना पूरी तरह से तय है. इसलिए उन्होंने चुनाव से अहम पहले अपने राजनीतिक दायित्व से अलग होने का फैसला लिया.  

पूर्वी दिल्ली सीट पर आप का एससी कार्ड

उधर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली में 4:3 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ने वाले हैं. इसमें आम आदमी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसमें पूर्वी दिल्ली सीट भी शामिल है. हाल ही में आप ने 4 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया था जिसमें पूर्वी दिल्ली से एससी समाज के कुलदीप कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुलदीप कुमार का खास जिक्र किया था और कहा था कि पूर्वी दिल्ली की सीट जनरल कैटेगरी की सीट है लेकिन हमने यहां से एससी समाज के उम्मीदवार को मौका दिया है. कोई पार्टी जनरल सीट पर एससी को टिकट नहीं देती.

उन्होंने लोगों से कुलदीप कुमार को भावानात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश करते हुए कहा था कि वह सफाई कर्मचारी के बेटे हैं और गरीब परिवार से आते हैं. अगर आप रात 12 बजे भी फोन करेंगे, तो वह आपका  काम करने के लिए आपके घर पहुंच जाएंगे.    

Web Title : GAUTAM GAMBHIR QUITS POLITICS EVEN BEFORE TICKET LIST COMES OUT, WHAT REASON DID HE GIVE

Post Tags: