अब 1 साल पर भी मिलेगी ग्रेच्युटी, अपनी सैलरी के हिसाब से समझें कैलकुलेशन

केंद्र सरकार के नए श्रम विधेयक को सदन की मंजूरी मिल गई है. इस मंजूरी के बाद अब ग्रेच्युटी लेने के लिए 5 साल की लिमिट खत्म हो गई है. आसान भाषा में समझें तो आपको कंपनी हर साल ग्रेच्युटी देगी. अभी तक जो नियम था उसके मुताबिक कर्मचारी को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल कार्यरत रहना जरूरी था. ये नियम कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा.   

बता दें कि ग्रेच्युटी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को दी जाती है. इसके लिए लगातार 5 साल एक ही कंपनी में कार्यरत होना जरूरी होता है. हालांकि मृत्यु या अक्षम हो जाने पर ग्रेच्युटी अमाउंट दिए जाने के लिए नौकरी के 5 साल पूरे होना जरूरी नहीं है. ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये होती है.  

कैसे कैलकुलेट होती है रकम

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया).

उदाहरण से समझिए

मान लीजिए कि कुंदन ने 7 साल एक ही कंपनी में काम किया. कुंदन की अंतिम सैलरी 35000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है. तो कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार होगा— (35000) x (15/26) x (7)= 1,41,346 रुपये. मतलब ये कि कुंदन को 1,41,346 रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा.

कैलकुलेशन में 15/26 का मतलब

दरअसल, एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्यु​टी का कैलकुलेशन होता है. वहीं, महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है. ग्रेच्युटी कैलकुलेशन की एक ​अहम बात ये भी है कि इसमें कोई कर्मचारी 6 महीने से ज्यादा काम करता है तो उसकी गणना एक साल के तौर पर की जाएगी. अगर कोई कर्मचारी 7 साल 7 महीने काम करता है तो उसे 8 साल मान लिया जाएगा और इसी आधार पर ग्रेच्‍युटी की रकम बनेगी. वहीं, अगर 7 साल 3 महीने काम करता है तो उसे 7 साल ही माना जाएगा.


Web Title : NOW, EVEN 1 YEAR, GRATUITY WILL BE UNDERSTOOD ACCORDING TO YOUR SALARY CALCULATION

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