दिल्ली-एनसीआर से लेकर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इन दिनों स्मॉग की समस्या से जूझ रही है. लोगों को बारिश या तेज हवा का इंतजार है. हालांकि, दिल्ली से हजारों किमी दूर तमिलनाडु में इन दिनों झमाझम बारिश हो रही है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से कई जगहों पर जगह-जगह जलजमाव हो गया है. सरकार को पांच जिलों में स्कूल बंद करने पड़े हैं. साथ ही लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
तमिलनाडु में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कोयंबटूर में कुंजप्पा-पनाई के पास सड़क पर भूस्खलन हुआ. इसी तरह, कोटागिरी मेट्टुपालयम में मेट्टुपालयम राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ. मेट्टुपालयम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में कोटागिरी से मेट्टुपालयम की ओर जाने वाले तीसरे मोड़ पर भी भूस्खलन हुआ. इससे यातायात बाधित हुआ. फिलहाल मेट्टुपालयम पुलिस, अग्निशमन विभाग और राजमार्ग विभाग सड़क पर गिरे कीचड़ और पेड़ों को हटाने में लगे हुए हैं. कोटागिरी से मेट्टुपालयम जाने वाले वाहनों को पुलिस कुन्नूर के रास्ते भेज रही है.
निचले कोठागिरी में भारी बारिश के कारण कई ट्रेनों को भी रद्द करना पड़ा है. साथ ही राज्य में भारी बारिश के कारण तमिलनाडु के कई जिलों में गुरुवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई. जिला मजिस्ट्रेटों द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कोयंबटूर, नीलगिरी, डिंडीगुल और मदुरै में स्कूल बंद रहेंगे.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 9 नवंबर को तमिलनाडु में छिटपुट भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है. इसके बाद मौसम में सुधार की संभावना है.
दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ´गंभीर´ श्रेणी में दर्ज की गई. हालांकि, मौसम की स्थिति अनुकूल होने की संभावनाओं के मद्देनजर शहर में दिवाली से ठीक पहले प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे 420 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार शाम चार बजे यह 426 था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा तैयार एक्यूआई मानचित्र में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कई जगहों पर लाल बिंदू (खतरनाक वायु गुणवत्ता का संकेत) दिखाए गए हैं. दिल्ली के पड़ोसी शहर गाजियाबाद में एक्यूआई 369, गुरुग्राम में 396, नोएडा में 394, ग्रेटर नोएडा में 450 और फरीदाबाद में 413 दर्ज किया गया.
आईएमडी के अधिकारियों के मुताबिक, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के योगदान को कम करने में मदद मिलेगी. हालांकि, हवा की धीमी गति इस प्रक्रिया पर विपरीत असर डालेगी. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति मौजूदा समय में लगभग पांच से छह किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दिवाली से पहले प्रदूषक तत्वों को तितर-बितर करने में मदद मिलेगी.