2019 से राफेल विमान खरीदेगा भारत

ओरलैंडो में सोमवार को आयोजित दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस जेट शो में दशॉ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर ने यह जानकारी दी. भारत को अगले साल से राफेल विमान मिलने शुरू हो जाएंगे. दशॉ एविएशन को इस विमान की सप्लाई का ठेका मिला है. अगले साल मिलने वाले राफेल विमानों के लिए आगामी कुछ महीनों में भारत की ओर से ऑर्डर दे दिए जाएंगे.

ओरलैंडो में सोमवार को आयोजित दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस जेट शो में दशॉ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर ने यह बात कही. भारत ने फ्रांस की विमानन कंपनी दशॉ के साथ साल 2016 में राफेल करार किया था. इस करार के तहत भारत को बने-बनाए 36 राफेल विमान मिलने हैं. ये विमान भारत के मिलें उससे पहले ही डील के खिलाफ राजनीतिक विरोध शुरू हो गए हैं. भारत में कई विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर इस डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

बीते शुक्रवार फ्रांस दौरे पर गईं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस को राफेल निर्माण के लिए ऑफसेट पार्टनर बनाने में मोदी सरकार की कोई भूमिका नहीं है और यह दोनों कंपनियों का आपसी करार है.     

तीन दिन के दौरे पर फ्रांस पहुंचीं निर्मला सीतारमण ने पत्रकारों से कहा, ´यह दो सरकारों के बीच का समझौता है जिसमें किसी कंपनी का नाम नहीं लिया गया है. हालांकि रक्षा खरीद के नियमों के मुताबिक मुख्य निर्माण कंपनी अगर चाहे तो किसी कंपनी को भारत में पार्टनर बना सकती है. अब यह उसके ऊपर है कि किस कंपनी को पार्टनर बनाती है. ´  

राफेल डील के ऑफसेट नियमों के मुताबिक, कंपनी को कुल डील की रकम का 50 पर्सेंट हिस्सा भारत में निवेश करना होगा. ऑफसेट की यह रकम 8 अरब यूरो है. उधर, कांग्रेस ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल लड़ाकू विमानों के मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस की इस्तीफे की मांग हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व प्रमुख टी. सुवर्णा राजू की ओर से निर्मला सीतारमण के उन दावों को खारिज करने के बाद आई है, जिसमें रक्षा मंत्री ने कहा था कि सरकारी स्वामित्व वाली एचएएल के पास लड़ाकू जेट राफेल को बनाने की क्षमता नहीं है.

राफेल सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि से मुलाकात की और राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर किए गए सौदे की तत्काल विशेष जांच करने की मांग की. कांग्रेस 2016 में हुए इस सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की भी मांग लगातार करती रही है. भारत ने फ्रांस के साथ जिन 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया है उसकी पहली खेप सितंबर 2019 तक आनी है. राफेल की पहली स्कॉवड्रन भारतीय वायुसेना के अबांला स्थित एयरबेस पर तैनात की जाएगी.


Web Title : RAFALE DEAL RAFALE JETS HAL DASSAULT