सीता और सावित्री हमारी महिलाओं की आदर्श, फिल्मों में पेश की जा रही गलत तस्वीर

भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि अक्सर इस तरह की तस्वीर पेश की जाती है कि जैसे भारत में महिलाओं के साथ हमेशा से अत्याचार होता रहा है. इसी के साथ यह भी दावा किया जाता है कि पश्चिम के समाज में महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी रही है, लेकिन ये दोनों ही विचार अतिरेक से भरे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में सदैव से महिलाओं का सम्मान होता रहा है. हालांकि, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि आज महिलाओं के अधिकारों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है.  

महिलाओं के मुद्दे पर जगदीश ममगाई की पुस्तक सिहरन का विमोचन करते हुए डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि कुछ लोग सीता-सावित्री को महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक नहीं मानते, लेकिन यह सीता ही थीं जिन्होंने एक बार अपना तिरस्कार होने के बाद राम को भी स्वीकार नहीं किया. उन्होंने राम के पुत्र लव और कुश को उन्हें सौंपकर स्वयं अपनी दैहिक लीला समाप्त कर ली. इसी प्रकार सावित्री जैसी महिलाओं ने स्वयं यमराज को भी पराजित कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारे देश की महिलाओं का आदर्श सीता और सावित्री जैसी महिलाएं ही हो सकती हैं. आज जिस तरह फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को पेश किया जा रहा है, वह हमारे समाज का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता.  

अपनी पुस्तक सिहरन के विमोचन के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए जगदीश ममगाई ने कहा कि महिलाओं की समाज में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका होने के बाद भी अभी तक कई क्षेत्रों में उनके साथ भेदभाव हो रहा है. किसी एक महिला के सफल होने पर उसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया जाता है, लेकिन बात केवल यहीं तक सीमित नहीं होनी चाहिए. जब तक समाज की हर महिला को समाज के हर पायदान पर पर्याप्त भागीदारी और सम्मान नहीं मिल जाता, महिला सशक्तिकरण अधूरा ही माना जाएगा.  

जगदीश ममगाई ने कहा कि महिलाओं ने इतिहास में कई बार स्वयं को पुरुषों की तुलना में बेहतर साबित किया है. यह कार्य दक्षिण की महान महिला रुद्रमा से लेकर ज्योतिबा फुले तक चलता रहा. आज भी यह कार्य जारी है. लेकिन इसके बाद भी आज भी महिलाओं के साथ भयंकर भेदभाव जारी है. निर्भया से लेकर कंझावला कांड तक की घटनाएं यह दिखाती है कि महिलाओं के प्रति समाज अभी भी अपेक्षित तरीके से संवेदनशील नहीं है. उन्होंने कहा कि अब महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.  

Web Title : SITA AND SAVITRI ARE ROLE MODELS OF OUR WOMEN, WRONG PICTURE BEING PORTRAYED IN FILMS

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