समाज में खतरा पैदा कर रहे आवारा कुत्ते, इंसानों को दी जानी चाहिए ज्यादा प्राथमिकता; हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी

सड़कों पर खुला टहलने वाले आवारा कुत्तों को लेकर केरल हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों की तुलना में इंसानों को ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए और ये आवारा कुत्ते समाज में खतरा पैदा कर रहे हैं. जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन ने कहा कि वास्तविक कुत्ते प्रेमियों को प्रिंट और विजुअल मीडिया में लिखने के बजाय उनकी सुरक्षा के लिए स्थानीय सरकारी संस्थानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

´लाइव लॉ´ की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि डॉग लवर्स पशु जन्म नियंत्रण नियमों और केरल नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप आवारा कुत्तों को रखने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं. इसमें कहा गया है, ´´राय है कि कुत्ते प्रेमियों को प्रिंट और विजुअल मीडिया में कुत्तों के लिए लिखने और बोलने की जरूरत नहीं है, इसके बजाए उन्हें इन कुत्तों की सुरक्षा के लिए आगे आना चाहिए यदि  उनकी बातों में सच्चाई है तो. वास्तविक कुत्ते प्रेमियों को लाइसेंस दिया जा सकता है यदि वे एबीसी नियम 2023 और अन्य वैधानिक प्रावधानों के अनुरूप आवारा कुत्तों की रक्षा के लिए तैयार हैं. ´´

छोटे बच्चों, युवाओं और यहां तक कि बूढ़े लोगों के प्रति आवारा कुत्तों के खतरे और हमले को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों की रक्षा की जानी चाहिए, लेकिन इंसानों की जान की कीमत पर नहीं. इसमें कहा गया है, ´´जैसा कि मैंने शुरुआत में बताया था, आवारा कुत्ते हमारे समाज में खतरा पैदा कर रहे हैं. स्कूली बच्चे अकेले स्कूल जाने से डरते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं आवारा कुत्ते उन पर हमला न कर दें. अगर आवारा कुत्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो कुत्ते प्रेमी आकर उनके लिए लड़ेंगे. लेकिन मेरा मानना है कि आवारा कुत्तों की तुलना में इंसानों को अधिक तरजीह दी जानी चाहिए. बेशक, आवारा कुत्तों पर इंसानों द्वारा किए जाने वाले बर्बर हमले की भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. ´´

बता दें कि कन्नूर जिले के मुजहथदाम वार्ड में रहने वाले कुछ लोगों ने राजीव कृष्णन नामक एक पशु प्रेमी के कार्यों से परेशान होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अहम टिप्पणी की. याचिका में बताया गया है कि मुजहथदाम वार्ड एक घनी आबादी वाला आवासीय इलाका है, जिसमें थोड़ी दूरी पर कई घर हैं. जब भी किसी आवारा कुत्ते पर हमला होता है, वह घायल हो जाता है या बीमार हो जाता है, तो राजीव जोकि मुजहथदम वार्ड के ही रहने वाले है, वह उन कुत्तों की देखभाल करने के लिए उसे घर ले आते हैं.

Web Title : STRAY DOGS POSING A THREAT IN SOCIETY, HUMANS SHOULD BE GIVEN MORE PRIORITY; IMPORTANT OBSERVATION OF THE HIGH COURT

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