जिस नए घर में होना था शिफ्ट, वहां हजारों ने दी मेजर आशीष को विदाई, पिता बोले- हम कैसे जी पाएंगे

अनंतनाग में शहीद मेजर आशीष धौंचक पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनका शव पानीपत के टीडीआई इलाके में स्थित नए घर पर पहुंचा था. यही वह घर है, जिसमें वह 23 अक्टूबर को अपने जन्मदिन पर शिफ्ट होने वाले थे. पर अब उनका शव ही यहां पहुंचा. अब तक उनका परिवार पानीपत के ही सेक्टर 7 में किराये के घर में रहता था और बड़े अरमानों के साथ नया घर बनवाया गया था. मकान बनकर तैयार था और मेजर अक्टूबर में छुट्टी पर आते तो उनके बर्थडे पर ही गृह प्रवेश का प्लान था. देश की सेवा करते हुए बेटे की शहादत पर पिता लालचंद की आंखें नम, दिल में गम और मुंह पर चुप्पी दिखी.  

इस बीच उनके पिता ने बस एक ही बात कही, ´अब हम कैसी जी पाएंगे. ´ तीन बहनों के अकेले भाई आशीष धौंचक के परिवार के लिए यह गम पहाड़ जैसा है. दिल्ली पुलिस में काम करने वाले उनके चचेरे भाई ने कहा, ´यह नया मकान उनके सपनों के साकार होने जैसा था. वह बीते कई सालों से इसके लिए काम कर रहे थे. कमजोर आर्थिक वर्ग का परिवार था और यह बड़ा सा मकान उनकी ही मेहनत से बना था. ´ अफसोस की इस मकान में वह रहने के लिए नहीं आ पाए और आया तो अंतिम विदाई के लिए उनका शव.

´जब तक सूरज चांद रहेगा, आशीष तेरा नाम रहेगा´, पंचतत्व में विलीन मेजर

आशीष धौंचक की मां ने भी गुरुवार को कहा था कि हमने तो अपना बेटा देश को दे दिया था. गम बहुत है पर मैं रोऊंगी नहीं. आशीष धौंचक की पत्नी ज्योति हाल ही में पति के पास रहने के लिए कश्मीर भी गई थीं. पर इस दर्द भरी खबर के मिलने के बाद से उनके चेहरे पर सिर्फ उदासी और खामोशी है. ज्योति के पास अब ढाई साल की बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी है. ससुर डिप्रेशन के शिकार हैं और उनका इलाज चल रहा है. ऐसे में परिवार को संभालने की जिम्मेदारी भी अब उन पर आ पड़ी है.  

मेजर आशीष के बचपन के दोस्त रवि ने बताया कि वह बचपन से प्रतिभाशाली छात्र थे. इसके अलावा मजाकिया स्वाभाव के थे और महफिलों की शान होते थे. उनका जाना परिवार ही नहीं बल्कि दोस्तों का भी निजी नुकसान है. आशीष के पिता क्लर्क की नौकरी करते थे और 4 बच्चों की परवरिश और शादी का बोझ उन पर था. ऐसे में उनके लिए एक अच्छा मकान भी सपने की तरह था, जिसे आशीष ने साकार किया था. अब उस मकान में उनका परिवार रहेगा और मेजर आशीष की यादें. जिनकी अमरता के नारों के साथ शुक्रवार को हजारों लोगों ने अंतिम विदाई दी.

Web Title : THOUSANDS BID FAREWELL TO MAJOR ASHISH IN THE NEW HOUSE WHERE THE SHIFT WAS TO TAKE PLACE, FATHER SAID HOW WILL WE BE ABLE TO LIVE

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