लॉकडाउन के पहले वाले स्तर पर बेरोजगारी, मनरेगा में मजदूरों को काम मिलने से मिली मदद: CMIE

देश में बेरोजगारी की दर काफी घटकर लॉकडाउन से पहले के स्तर पर आ गई है. 21 जून को समाप्त हफ्ते में बेरोजगारी की दर 8. 5 फीसदी रही, जबकि 3 मई के हफ्ते में यह 27. 1 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के सर्वे में यह जानकारी दी गई है और कहा गया है कि मनरेगा जैसी योजनाओं से फायदा हुआ है.

CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ महेश व्यास ने कहा, ´जून के पहले तीन हफ्तों में बेरोजगारी दर काफी तेजी से घटते हुए क्रमश: 17. 5, 11. 6 और 8. 5 फीसदी हो गई. ´ इस दौरान शहरी बेरोजगारी 21 जून के हफ्ते में काफी गिकर महज 11. 2 फीसदी रह गई. हालांकि यह अब भी कोरोना लॉकडाउन से पहले के 9 फीसदी के औसत से करीब 2 फीसदी ज्यादा है.

ग्रामीण बेरोजगारी में भारी कमी

इस दौरान ग्रामीण बेरोजगारी भी काफी नीचे आकर महज 7. 26 फीसदी रह गई. यह लॉकडाउन के पहले के हफ्ते यानी 22 मार्च को खत्म सप्ताह के 8. 3 फीसदी बेरोजगारी से भी कम है. यही नहीं, यह फरवरी और मार्च की क्रमश: 7. 34 फीसदी और 8. 4 फीसदी से भी कम है.

व्यास ने कहा, ´सरकार द्वारा मनरेगा स्कीम का आक्रामक तरीके से इस्तेमाल, समय से बारिश और बुवाई की गतिविधियां बढ़ने का नतीजा है, जिसकी वजह से ग्रामीण भारत में लोग काम में लग गए और बेरोजगारी की दर काफी कम हो गई. ´

गरीब कल्याण योजना जैसे सरकारी प्रयासों की चर्चा करते हुए महेश व्यास ने कहा, ´ग्रामीण बेरोजगारी कम से कम अक्टूबर तक कम रह सकती है. इन सरकारी प्रयासों से ग्रामीण भारत में खपत बढ़ेगी. ´

रोजगार दर में भी बढ़त

सर्वे के अनुसार रोजगार दर में भी बढ़त हुई है. लॉकडाउन लगने के तत्काल बाद रोजगार दर घटकर 29. 9 फीसदी रह गई थी और 19 अप्रैल के हफ्ते में यह और घटकर महज 26. 1 फीसदी रह गई थी. लेकिन 7 जून के हफ्ते में यह बढ़कर 32. 4 फीसदी और 14 जून के हफ्ते में बढ़कर 35. 7 फीसदी रह गई.


Web Title : UNEMPLOYMENT AT PRE LOCKDOWN LEVELS, MGNREGA HELP WORKERS GET WORK: CMIE

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