मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, महिलाओं ने जाम की सड़कें पुलिस ने भी छोड़े आंसू गैस के गोले

णिपुर में 3 मई से इम्फाल घाटी में केंद्रित बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ियों पर कब्जा करने वाले कुकी लोगों के बीच जातीय झड़पें हो रही हैं. हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. यहां तीन मई को हिंसा भड़क उठी थी, जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था.


मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है. वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नागा और कुकी की संख्या 40 प्रतिशत है, जो ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आगजनी, लूट, हिंसा और भीड़ जमा होने की कई घटनाएं सामने आई हैं. मणिपुर में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही थी. 4 मई का एक वीडियो बुधवार को सामने आया. इसके बाद वहां हिंसा फिर से भड़क उठी है. इस वीडियो ने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया है. कांग्रेस ने मांग की है कि हिंसा प्रभावित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. इस घटना से संबंध पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.  


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले एक वायरल वीडियो के जारी होने के समय पर सवाल उठाया है.   उन्होंने दावा किया कि इस वीडियो के लीक होने के पीछे राजनीति है. उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर खासकर मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में बलात्कार की घटनाएं कम होती हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है. दो महीने पहले राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर पर अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि कानून अपनी पूरी ताकत से काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 1800 घंटे से अधिक की  चुप्पी के बाद प्रधान मंत्री ने आखिरकार मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की.


Web Title : VIOLENCE ERUPTS IN MANIPUR, WOMEN BLOCK ROADS, POLICE ALSO FIRE TEAR GAS SHELLS

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