जब ज्योतिषी के कहने पर तय हुआ था अमेठी का कैंडिडेट, चौधरी चरण सिंह गिराना चाहते थे केंद्र की सरकार

बात 1981 की है. इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. 1977 में बनी पहली गैर कांग्रेसी सरकार (पहले मोरारजी देसाई, फिर चौधरी चरण सिंह की सरकार) गिरने के बाद जब जनवरी 1980 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव हुए तो इंदिरा गांधी बहुमत के साथ सत्ता में लौटीं. उनके छोटे बेटे संजय गांधी अमेठी सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे लेकिन छह महीने बाद ही 23 जून 1980 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी.

संजय गांधी की मौत के बाद 1981 में जब अमेठी सीट पर उप चुनाव हुए तो प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने अपने बड़े बेटे  37 वर्षीय राजीव गांधी को यहां से कैंडिडेट बनाकर चुपचाप नॉमिनेशन करवाया. इसके बाद देश का राजनीतिक परिदृश्य बदलने लगा था. अमेठी को गांधी-नेहरू परिवार का सुरक्षित गढ़ कहा जाता है, जिसकी शुरुआत संजय गांधी से हुई थी.  तब राजीव का चुनाव प्रचार करने के लिए पत्नी  सोनिया गांधी, यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह, उनके रिश्तेदार अरुण नेहरू, यूपी कांग्रेस के तब के अध्यक्ष बीएन पांडे और युवा कांग्रेस के सदस्यों ने खूब मेहनत की थी.

दूसरी तरफ विपक्षी लोक दल ने जेपी आंदोलन के लड़ाके शरद यादव को राजीव गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार दिया था. शरद यादव ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं अमेठी नहीं जाना चाहता था लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने जिद पकड़ ली थी. उन्हें ज्योतिष पर बहुत विश्वास था. तब चौधरी साहब और जनसंघ के नेता नाना जी देशमुख दोनों मिलकर हमें एक ज्योतिष के पास लेकर गए थे. उनका कहना था कि राजीव गांधी चुनाव हार जाएंगे तो इंदिरा गांधी की सरकार गिर जाएगी. ” 

बकौल शरद यादव, “मेरे मना करने पर पहले चौधरी साहब तो मान गए लेकिन नानजी देशमुख पीछे पड़ गए और जब मैंने फिर चुनाव लड़ने से मना कर दिया तो चौधरी साहब नाराज हो गए और कहने लगे कि तुम डरपोक हो, तुम चुनाव नहीं लड़ोगे तो मैं लड़ूंगा. इसके बाद मैं चुनाव के लिए तैयार हो गया. अमेठी में चौधरी साहब ने मेरे लिए दल-बल के साथ कैम्प किया था. ”

हालांकि, इस चुनाव में राजीव गांधी की जीत हुई थी. उन्होंने शरद यादव को करीब 2. 37 लाख वोटों के अंतर से हराया था. उन चुनावों में राजीव गांधी को 2 लाख 58 हजार 884 वोट ( 84. 18 फीसदी) मिले थे, जबकि शरद यादव को सिर्फ 21,188 (6. 89 फीसदी) वोट ही मिले थे. इस चुनाव में शरद यादव के खिलाफ जातीवादी नारे लगाए जाते थे. कांग्रेसी शरद यादव के खिलाफ नारा लगाते थे-  शरद यादव वापस जाओ, डंडा लेके भैंस चराओ.   

Web Title : WHEN AMETHI CANDIDATE WAS DECIDED AT THE BEHEST OF ASTROLOGER, CHAUDHARY CHARAN SINGH WANTED TO TOPPLE THE CENTRAL GOVERNMENT

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