जब लालकृष्ण आडवाणी की बात पर झूठ बोल गए परवेज मुशर्रफ, फिर पाक अधिकारी ने ही खोल दी पोल

´भारत रत्न´ लालकृष्ण आडवाणी ने ना केवल भाजपा को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई बल्कि सरकार के प्रतिष्ठित पदों पर रहकर देश को आगे बढ़ाने में भी उनका बड़ा योगदान रहा है. आडवाणी की पहचान उनकी साफ जुबानी के लिए भी है. एक बार तो उनके सीधे सवाल से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी सकते में आ गए. वह किसी तरह गोलमोल जवाब देते हुए झूठ तो बोल गए लेकिन बाद में उनके ही एक अधिकारी ने बता दिया कि वह झूठ बोल रहे थे. बात 2001 की है जब दोनों देशों के बीच शांति समझौते के लिए जनरल परवेज मुशर्रफ आगरा कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए आए थे. उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी जाहते थे कि तनाव कम हो और शांति का कोई रास्ता निकले. हालांकि पाकिस्तान के पैर हमेशा से ही आतंक के कीचड़ में सने रहे हैं. ऐसे में वह कॉन्फ्रेंस भी सफल साबित नहीं हो पाई थी.  

साल 2011 में एलके आडवाणी ने अपने एक ब्लॉग में बताया था कि कैसे उनकी एक बात से ही  परवेज मुशर्रफ का चेहरा लाल पड़ गया और उनकी जुबान सूख गई. दरअसल आडवाणी ने मुशर्रफ से सीधे आतंकियों पर सवाल पूछते हुए दाऊद इब्राहिम को सौंपने की बात कही थी. यह चर्चा राष्ट्रपति भवन में हुई थी. उस वक्त आडवाणी गृह मंत्री थे. उन्होंने ओसामा बिन लादेन को भी लेकर सवाल किया था. हालांकि मुशर्रफ ने तुरंत कहा कि दाऊद और ओसामा उनके देश में नहीं हैं. बाद में ओसामा को एबटाबाद में मारा गया. वहीं मुशर्रफ के एक अधिकारी ने ही उनकी पोल खोल दी.  

पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा था कि मुशर्रफ सफेद झूठ  बोल रहे थे. आडवाणी ने बताया था कि वह अधिकारी भी मीटिंग में मौजूद था. वह मुशर्रफ के सामने तो चुप रहा लेकिन बाद में सच बता दिया. आडवाणी ने अपने ब्लॉग में यह भी कहा था कि मुशर्रफ का रवैया प्रत्यर्पण संधि को लेकर सकारात्मक नजर आ रहा था. आडवाणी ने मुशर्रफ से कहा था. आप अगर शांति के लिए एक बड़ा योगदान देना चाहते हैं तो दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंप दीजिए. बताया जाता है कि दाऊद अब भी कराची में रहता है. 1993 के सीरियल ब्लास्ट मामले में वह मोस्ट वॉन्टेड है. बीते साल अमेरिका ने दाऊद इब्राहिम को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया.  

2022 में यही सवाल पाकिस्तान फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के चीफ रहे मोहसिन बट के सामने भी रखा गया था. हालांकि उन्होंने चुप्पी साध ली. बाद में वह मीडिया से भी कतराते रहे. बता दें कि यूएनएससी ने 2003 में दाऊद इब्राहिम के सिर पर 250 लाख डॉलर का इनाम रखा था. वह लश्कर चीफ हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर, सैयद सलाहुद्दीन की तरह भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है.  


Web Title : WHEN PERVEZ MUSHARRAF LIED TO LK ADVANIS WORDS, THEN PAK OFFICIAL OPENED THE POLE

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