कौन हैं सिद्धार्थ कुशवाहा जिन्हें कांग्रेस ने दिया सतना लोकसभा का टिकट, BJP MP को विधानसभा में हराया था

मध्य प्रदेश के विंध्य में आने वाले सतना लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी ने मौजूदा सतना विधानसभा के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा पर भरोसा जताते हुए लोकसभा का टिकट दिया है. माना जा रहा है कि यह टिकट सिद्धार्थ को इसलिए दिया गया है क्योंकि उन्होंने 2023 के नवंबर में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सतना विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी गणेश सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. बीजेपी ने इस चुनाव में अपने चार बार के सांसद गणेश सिंह को विधानसभा का टिकट दिया था.  

आंकड़ों के मुताबिक सतना विधानसभा चुनाव में मौजूदा भाजपा सांसद गणेश सिंह को 4041 मतों से कांग्रेस के प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ने हरा दिया था. गणेश सिंह को 66,597 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी को 70,638 वोट मिले थे. इस तरह से सिद्धार्थ दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए. हालांकि सतना लोकसभा सीट से सतना विधानसभा के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के अलावा चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सुधीर सिंह तोमर, कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा एवं रामपुर बाघेलान के पूर्व विधायक रामलखन सिंह पटेल आदि भी दावेदारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने जिताऊ चेहरे पर एक बार फिर भरोसा किया है. हालांकि एक बार फिर सतना के मौजूदा सांसद गणेश सिंह भाजपा की टिकट पर और सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा कांग्रेस की टिकट पर मैदान पर हैं. गणेश सिंह वर्ष 2004, वर्ष 2009, वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में लगातार सांसद चुने जा रहे हैं.  

साढ़े पांच साल में चौथी बार टिकट 

सतना संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू पिछले साढ़े पांच सालों में तीन चुनाव लड़ चुके हैं. पिछले तीन चुनावों में से एक में उन्हें पराजय मिली है जबकि दो में विजय प्राप्त हुई है. 2018 में कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू को पहली बार सतना विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, तब डब्बू ने दो दशक से ज्यादा समय से सतना में चले आ रहे कांग्रेस के पराजय के सिलसिले को तोड़ा था. इसके बाद 2022 में कांग्रेस ने नगर निगम सतना के महापौर के चुनाव में भी सिद्धार्थ कुशवाहा पर ही भरोसा जताया, यह बात अलग रही कि इस चुनाव में उन्हें भाजपा के योगेश ताम्रकार के हाथों लगभग 25 हजार से ज्यादा मतों से पराजय का सामना करना पड़ा. नगरीय निकाय चुनाव में हार के बावजूद डब्बू पर कांग्रेस का भरोसा कायम रहा और एक साल बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया और पार्टी के भरोसे पर वे खरे उतरे. अब लगातार चौथे चुनाव के लिए एक बार फिर से सतना लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने सिद्धार्थ कुशवाहा पर ही भरोसा जताया है.

पिता से मिली सियासत की विरासत

सिद्धार्थ को सियासत विरासत में मिली है. उनके पिता स्वर्गीय सुखलाल कुशवाहा बहुजन समाज पार्टी के बड़े नेता थे. इसके अलावा वह सतना के सांसद भी रहे. उनके नाम यह रिकॉर्ड भी है कि स्वर्गीय कुशवाहा ने प्रदेश के दो-दो मुख्यमंत्री को हराकर संसद तक का सफर तय किया था. आंकड़ों के अनुसार 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सिद्धार्थ के पिता बसपा के प्रत्याशी सुखलाल कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी. तब मैदान में प्रदेश के दसवें मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सखलेचा भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा प्रत्याशी थे और कांग्रेस से अलग होकर बनी तिवारी कांग्रेस की ओर से प्रदेश के बारहवें मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह भी मैदान में थे. इन दो मुख्यमंत्रियों को पछाड़ते हुए बीएसपी के प्रत्याशी सुखलाल ने जीत दर्ज की थी. सुखलाल को तब 182497, वीरेंद्र  कुमार सखलेचा को 160259 और अर्जुन सिंह को 125653 वोट मिले थे.  


Web Title : WHO IS SIDDHARTH KUSHWAHA, WHO WAS GIVEN A TICKET TO SATNA LOK SABHA BY CONGRESS, DEFEATED BJP MP IN THE ASSEMBLY

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