जेल से बाहर आएगा आसाराम? राजस्थान हाईकोर्ट ने पैरोल कमेटी को अर्जी पर पुनर्विचार का दिया निर्देश

अपनी शिष्या से बलात्कार के मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम और उसके अनुयायियों के लिए राहत भरी खबर है.  राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को जोधपुर सेंट्रल जेल की पैरोल कमेटी को पैरोल नियम 1958 के तहत आसाराम के आवेदन पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है.

जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित की बेंच ने आसाराम के आवेदन को खारिज करने के पैरोल कमेटी के फैसले को रद्द कर दिया और 6 सप्ताह के भीतर इस पर नए सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया.

81 वर्षीय आसाराम वर्तमान में 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में जोधपुर की जेल में बंद है. 20 दिनों की पैरोल की मांग करने वाले आसाराम के आवेदन को पहले जिला पैरोल सलाहकार कमेटी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह राजस्थान के कैदियों को पैरोल पर रिहाई नियम, 2021 के तहत पैरोल का हकदार नहीं है.

इस अस्वीकृति को चुनौती देते हुए आसाराम ने बाद में राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया था. उनके वकील कालू राम भाटी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को 25 अप्रैल, 2018 को ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई, जबकि 2021 के नियम 30 जून, 2021 को लागू हुए थे.

भाटी ने तर्क दिया कि इसलिए याचिकाकर्ता द्वारा दायर आवेदन 2021 के नियमों के बजाय 1958 के नियमों के प्रावधानों के तहत विचार करने योग्य है. वहीं, अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने पैरोल दिए जाने पर आपत्ति जताई थी.  

Web Title : WILL ASARAM COME OUT OF JAIL? RAJASTHAN HC DIRECTS PAROLE COMMITTEE TO RECONSIDER PLEA

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