लोकसभा चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को एक और झटका लगा है. इसी के साथ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में अपनी किलेबंदी मजबूत की है. इस सीट पर हुए पिछले उपचुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव की हार के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार बताए जा रहे बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली बुधवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.
समाजवादी पार्टी के लखनऊ मुख्यालय में अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने गुड्डू जमाली और उनके साथियों का स्वागत किया. गुड्डू जमाली ने कहा कि आज ये वक्त की जरूरत है. वह दिल की आवाज सुनकर सपा में आए हैं. मजहब के नाम पर कोई हमें नहीं बांट सकता. गुड्डू जमाली ने कहा कि मुझ पर हिन्दू भाइयों का बड़ा अहसान है. यह इस देश की संस्कृति है. सपा में शामिल होने का फैसला हमारे दिल ने किया है जिसने कहा कि आज की तारीख में यही एक बदलाव की उम्मीद है.
गुड्डू जमाली ने कहा कि अब वह सपा में आ गए हैं और जीवन भर यहीं रहेंगे. कहा कि मैं लालची नहीं हुआ. मैं सौदा नहीं करता हूं. हम लोगों को मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश की जा रही है. हम दिलोजान से पीडिए के लिए लगेंंगे. उन्होंने कहा कि बसपा में मैं 13 साल रहा. पार्टी प्रमुख मायावती जी को भाजपा के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना चाहिए था. जब यह नहीं हुआ तो हम लोग क्या करते? गुड्डू जमाली दो बार के विधायक रहे हैं. वह सफल कारोबारी भी हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी गुड्डू जमाली का स्वागत किया. अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 के चुनाव के पहले गुड्डू जमाली हमारे पास आए थे. किन्हीं परिस्थितियों में हम साथ नहीं हो पाए. उन्होंने कहा कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि गुड्डू जमाली को सपा में आकर अपने घर जैसा लगेगा. इस मौके पर अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर हमला बोला. अखिलेश ने कहा कि एक समय में समुद्र मंथन हुआ था. आने वाले लोकसभा चुनाव में संविधान मंथन हुआ था. अखिलेश ने कहा कि हमें खुशी है कि हमारा पीडीए परिवार बढ़ता चला जा रहा है. हम जितना परिवार बढ़ा लेंगे उतना ही भाजपा को हराने में सक्षम होंगे.
क्या हुआ था आजमगढ़ चुनाव में गुड्डू जमाली को आजमगढ़ में 2022 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेन्द्र यादव की हार के लिए काफी हद तक जिम्मेदार बताया जाता है. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दिनेश यादव निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेन्द्र यादव को हरा दिया था. सपा की गढ़ जाने वाली आजमगढ़ सीट पर बीजेपी की इस जीत को काफी महत्वपूर्ण माना गया था. उस चुनाव में बसपा उम्मीदवार रहे गुड्डू जमाली को 2. 66 लाख से अधिक वोट मिले थे. राजनीतिक गलियारों में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी अखिलेश या धर्मेन्द्र यादव में से कोई आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में गुड्डू जमाली के सपा में जाने से उसकी ताकत बढ़ गई है ऐसा माना जा रहा है. कई जानकारों का कहना है कि समाजवादी पार्टी आने वाले विधानपरिषद चुनाव में गुड्डू जमाली को अपना उम्मीदवार बना सकती है.