बालाघाट. शनिवार की रात जंगल से भटककर, एक 3 वर्षीय मादा चीतल नगर परिषद बैहर के वार्ड नंबर 07 के रहवासी क्षेत्र में आ गया. जिसका कुत्ता पीछे करने लगे. जिससे चीतल, कुत्तो से बचने के लिए भागने के चलते मामुली रूप से घायल हो गया और अपनी जान बचाते हुए एक मकान में घुस गया. मामले की वन परिक्षेत्र पश्चिम सामान्य बैहर के वन विभाग को जानकारी मिलते ही मौके पर वन परिक्षेत्र अधिकारी और हमराह स्टॉफ ने पहुंचकर चीतल को पकड़ा. जिसके बाद उसे पशु चिकित्सालय ले जाया गया. जहां चिकित्सक द्वारा चीतल का उपचार किया गया. जहां से वनविभाग की टीम ने मादा चीतल को सकुशल जंगल में छोड़ दिया.
मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद बैहर से जंगल लगे हैं. ये जंगल कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुक्की गेट से लगे होने के चलते कई बार वन्यप्राणी बैहर के तक आ जाते है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि शनिवार की रात मादा चीतल भीषण गर्मी में पानी की तलाश में रहवासी क्षेत्र आ गया और वह इधर-उधर भटक रहा था. इसी दौरान कुत्ते उसका पीछा करने लग गये. जिससे चीतल अपनी जान बचाते हुए एक मकान में घुस गया. मकान मालिक ने जागरूकता का परिचय देते हुए इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई. जिसके बाद वनविभाग का आमला पहुंचा. यहां चीतल का पशु चिकित्सक डॉ. आशीष वैध ने रात में ही उसका उपचार किया. जिसके बाद वन विभाग द्वारा उसे रात में ही कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के खापा बफर जोन अंतर्गत भिमोड़ी के तालाब समीप जंगल में छोड़ दिया गया. वन परिक्षेत्र अधिकारी कंदर्प भट्ट ने बताया कि बैहर के पूरे जंगल कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लगे हैं, इसलिए कई बार वन्यप्राणी शहर तक पहुंच जाते है. शनिवार की रात में मादा चीतल के आने की जानकारी मिलने पर अमले के साथ मौके पर जाकर पकड़ा गया. उसके बाद पशु चिकित्सक से उपचार करवाकर खापा बफर जोन से लगे भिमोड़ी के तालाब समीप छोड़ दिया गया.