बालाघाट. पूर्व में लंबे आंदोलन के बाद शासनस्तर पर एक माह में मिले मांगो के निराकरण के आश्वासन के बाद भी मांगो को लेकर, शासन स्तर पर कोई पहल नहीं किये जाने से एक बार फिर एनएचएम के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर चले गये है. जिससे एनएचएम के माध्यम से चलने वाले 16 राष्ट्रीय कार्यक्रम सहित आरबीएच के कार्यक्रम, बच्चों को वेक्सीनेशन, एनआरसी, गर्भवती महिला की जांच सहित ऐसे स्थानो पर जहां संविदा कर्मी डिलेवरी करवाते है, वहां यहां काम बंद हो गया है.
एनएचएम संविदा कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष डी. पी. खरोल ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सात बिंदुओं पर शासन की ओर से सहमति जताते हुए निराकरण का भरोसा दिलाया था लेकिन एक माह बाद भी सरकार एनएचएम के मांगो पर विचार नहीं कर सकी. जिससे मजबूरीवश हमें पुनः आंदोलन की राह पर चलना पड़ा. उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि शासन, एनएचएम के संविदा कर्मचारियों की एकजुटता से डरा है, इसलिए वह शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे कर्मचारियों पर कार्यवाही के नाम से डराने मंे लगा है लेकिन हम डरने वाले नहीं है.
एनएचएम संविदा कर्मचारी, नियमितिकरण, संविदा नीति 2018 का पालन, आउटसोर्स कर्मचारी की वापसी और विगत आंदोलन में कर्मचारियों पर दर्ज मामले वापस लेने की मांग कर रहे है. प्रदेश में आंदोलन के आह्रवान का असर बालाघाट में देखने को मिला, जहां संविदा कर्मचारी, काम बंद कर हड़ताल पर चले गये है. एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने शासन को दो दिनों का समय दिया है, दो दिनों के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.