वैट में वृद्धि होने पर हड़ताल पर जाएंगे पेट्रोल पंप डीलर,झारखण्ड पेट्रोलियम डीलर एशोसिएशन ने दिए संकेत

धनबाद. सरकार अगर पेट्रोल - डीजल के मूल्य में वृद्धि करती है तो ऐसे में पंप संचालक हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. बुधवार को ग्रीन व्यू पेट्रोल पंप में संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने यह जानकारी दी.

पेट्रोल 2 रु और डीजल 4 रु  प्रति लीटर हो जाएगा महंगा :

उन्होंने बताया मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिल रही है कि सरकार पेट्रोल - डीजल पर वैट बढ़ाने जा रही है. जिसमे पेट्रोल पर 22 प्रतिशत या 17 रु प्रति लीटर, डीजल पर 22 प्रतिशत या 12. 38 रु प्रति लीटर में से जो अधिक हो उस दर पर वैट वसूलेगी.

वर्तमान में पेट्रोल पर 15 रुपये या 22 प्रतिशत और डीजल पर 8. 38 रु या 22 प्रतिशत में से जो अधिक हो उस दर से वैट वसूल होती है. पेट्रोल 71. 16 रु प्रति लीटर और डीजल 65. 95 रु प्रति लीटर की दर से बिक्री की जाती है. वैट में बढ़ोत्तरी होने से पेट्रोल 2 रु और डीजल 4 रु प्रति लीटर महंगा होगा.

वैट में वृद्धि न्याय संगत नही : 

उन्होंने कहा कोरोना काल मे जहाँ लोगो की कमर पहले से ही टूटी है उनपर इस महंगाई का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. कोरोना काल मे जहाँ पहले से ही पेट्रोल - डीजल के सेल में गिरावट है वैट में बढ़ोत्तरी से सेल और घटेगा.

सरकार अगर यह निर्णय करती है तो वह कही से भी न्याय संगत नही होगा. ऐसी परिस्थिति में में पंप संचालकों के लिए हड़ताल पर जाना ही एक मात्र विकल्प बचता है.

राज्य भर में 1210 पंप : 

धनबाद में 165 सहित राज्य भर में 1210 पेट्रोल पंप है. वैट में बढ़ोत्तरी का निर्णय अगर सरकार ले चुकी है तो एसोसिएशन सरकार से आग्रह करती है कि निर्णय को वापस ले अन्यथा वैट में बढ़ोत्तरी किये जाने पर सभी पंप बंद कर पंप संचालक हड़ताल पर चले जायेंगे.

पेट्रोल - डीजल पर छूट भी वापस ले चुकी है सरकार : 

उन्होंने बताया वर्तमान सरकार पेट्रोल - डीजल पर ढाई रु प्रति लीटर की छूट दे रही थी जिसे अब वापस ले चुकी है. इस छूट के वापस होने के बाद प्रति लीटर ढाई रु में वृद्धि पहले से है. इस आधार पर झारखण्ड में यूपी के तुलना में 1. 80 पै और बंगाल की तुलना में 80 पै महंगा है.

उन्होंने आगे कहा लॉक डाउन में पेट्रोल डीजल के सेल में गिरावट होने से सरकार के राजस्व में भी गिरावट आई है और अब लगता है कि सरकार वैट में बढ़ोतरी कर उस राजस्व की एक बार मे ही प्राप्ति कर लेना चाहती है.

पेट्रोल - डीजल का वास्तविक दर 10 रु और 15 रु प्रति लीटर : 

उन्होंने कहा असल मे पेट्रोल 10 रु और डीजल का मूल्य 15 रु प्रति लीटर ही है. पेट्रोल पर प्रति लीटर राज्य सरकार 15 रु और केंद्र सरकार 33 रु तथा डीजल पर राज्य सरकार 11: 50 पै और केंद्र सरकार 32 रु के करीब टैक्स लेती है इस वजह से पेट्रोल डीजल इतने महंगे दर पर लोगो को मिलता है.

सीबीआई जांच की मांग : 

अशोक सिंह ने बताया आउट सौरसिंग कंपनियां सरकार के राजस्व को चुना लगा रही है. सी फॉर्म पर 2 प्रतिशत के टैक्स पर उन्हें माइनिंग परपस के लिए तेल दिया जाता है जबकि अपनी खपत की सीमा से ज्यादा तेल खरीदती है और दूसरों को बेचकर मुनाफा कमा रही है. यह सीधे सीधे सरकार के राजस्व को चुना लगा रही है. सरकार से मांग है कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए.