5 साल से पहले भी मिल सकती है ग्रेच्युटी, लेकिन यह है शर्त

नई दिल्ली : कर्मचारी के किसी संस्थान में लगातार पांच साल तक काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी का लाभ दिया जाता है. हालांकि समय-समय पर कर्मचारी संगठनों की तरफ से इसकी समय सीमा को पांच साल से घटाने की मांग होती रहती है. यदि ग्रेच्‍युटी की समय सीमा घटाई जाती है तो इसका फायदा सवा करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा. पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 के तहत ग्रेच्युटी का लाभ उस संस्‍थान के हर कर्मचारी को मिलता है जहां 10 से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं. पिछले दिनों सरकार ने टैक्‍स फ्री ग्रेच्‍युटी की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है.

पिछले दिनों यह भी खबर थी कि ग्रेच्युटी की गणना के तरीकों में भी बदलाव किया जा सकता है. इन सबके बीच आमतौर पर लोगों का सवाल होता है कि क्या ऐसी भी कोई परिस्थिति हैं जिसमें ग्रेच्युटी की रकम पांच साल से पहले मिल सके. हम आपको बता दें ऐसा केवल तीन परिस्थितियों में ही संभव है.

दुर्भाग्यवश कंपनी या संस्थान में नौकरी करने के दौरान 5 साल से पहले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे मामले में एम्पलाई के परिजनों को नियमानुसर ग्रेच्युटी की रकम का भुगतान किया जाता है.

इसके अलावा महिला या पुरुष कर्मचारी नौकरी करने के दौरान किसी हादसे या बीमारी के कारण शारीरिक अशक्तता का शिकार हो जाता है. तो ऐसी परिस्थिति में नियोक्ता की तरफ से कर्मचारी को नियमानुसार ग्रेच्युटी की रकम का भुगतान किया जाता है.

Web Title : 5 YEARS BEFORE GRATUITY CAN ALSO BE FOUND, BUT THIS IS THE CONDITION

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