टैक्स चोरी और 25 लाख रुपए तक TDS जमा नहीं करवाने वालों के लिए CBDT ने बनाए नए नियम


नई दिल्ली: जानबूझकर कर चोरी करने के प्रयास, आयकर का रिटर्न नहीं भरने और सरकारी खजाने में 25 लाख रुपए तक टीडीएस जमा नहीं कराने के मामलों में आयकर विभाग सामान्य तौर पर अदालत में अभियोजन का मामला नहीं चलाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक नए सर्कुलर में यह कहा गया है.

इस निर्देश को कर मुकदमेबाजी को कम करने के उल्लेखनीय कदम के रूप में देखा जा रहा है. इससे बड़ी संख्या में करदाता कानूनी मुकदमेबाजी से बच सकेंगे. पीटीआई के पास सीबीडीटी के नौ सितंबर के सर्कुलर की प्रति है. इसमें कहा गया है कि अभियोजन आपराधिक प्रक्रिया है जो जुटाए गए सबूतों पर आधारित होता है. कर चोरी के अपराध को केवल संदेह से नहीं बल्कि ठोस साक्ष से साबित करना होता है.

सीबीडीटी ने इस तरह की मुकदमेबाजी में कमी लाने के लिए नए मानदंड बनाए हैं. ऐसे मामले जिसमें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जमा नहीं कराई गई राशि 25 लाख रुपए से कम है और इसे जमा कराने में निश्चित तारीख से 60 दिन से कम का विलंब हुआ है, तो सामान्य परिस्थितियों में इसमें अभियोजन नहीं चलाया जाएगा.

सर्कुलर में कहा गया है कि बार-बार चूक करने के अपवाद वाले मामलों में दो मुख्य आयुक्तों के कालेजियम या आयकर विभाग के महानिदेशक की मंजूरी से अभियोजन चलाया जा सकता है. ऐसे मामलों में आयकर कानून की धारा 276 बी के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इसी तरह ऐसे मामले जिसमें जानबूझकर कर चोरी की राशि या कम आय दिखाने पर कर 25 लाख रुपए या उससे कम है तो उनमें भी अभियोजन की कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसमें आयकर कानून की धारा 276सी एक के तहत कार्रवाई होगी.

Web Title : NEW RULES FRAMED BY CBDT FOR TAX EVASION AND NON DEPOSIT OF TDS UP TO RS 25 LAKH

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