नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सभी बैंकों को बड़ी सलाह दी है. उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरह सभी बैंकों को उनके डिपॉजिट और लोन को रेपो रेट से लिंक करने के लिए कहा है. दरअसल रिजर्व बैंक रेपो रेट में जो कटौती करता है उसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिलता है. उन्होंने सोमवार को इस मॉडल पर स्विच करने पर जोर दिया. एसबीआई देश का पहला ऐसा बैंक है जिसने अपने लोन और डिपॉजिट को रेपो रेट से लिंक किया है. बैंक ने लोन और डिपॉजिट मई 2019 में रेपो रेट से लिंक किए थे. इसके बाद जुलाई से होम लोन को भी लिंक कर दिया. पिछले हफ्ते बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक जैसे 6 सरकारी बैंकों ने ये कदम उठाया है. हालांकि रिजर्व बैंक इसको लेकर बैंकों पर दबाव नहीं बनाएगा. रिजर्व बैंक ने पिछली क्रेडिट पॉलिसी में रेपो रेट को 0. 35 फीसदी घटाकर 5. 4 फीसदी कर दिया. अब रेपो रे 9 साल के निचले स्तर पर है. फिक्की की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक एनपीए संकट से बाहर निकल रहे हैं और उन्हें अपनी वित्तीय स्थिती सुधारने के लिए थोड़ा समय और दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि नए लोन को रेपो रेट जैसे एक्सटरनल बैंचमार्क से लिंक किया जाए. हम इस पर निगरानी कर रहे हैं और जरूरी कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को तेज करना होगा. आज अर्थव्यवस्था को एक धक्के की जरूरत है न सिर्फ मॉनिटरी पॉलिसी से बल्कि ट्रांसमिशन से भी. उन्होंने कहा कि ग्रोथ के लिए लिक्विडिटी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा.