केंद्रीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती के बाद एसबीआई बड़ा ऐलान कर सकता है. एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को संकेत दिया कि आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कमी किए जाने का फायदा ग्राहकों को दिया जा सकता है. एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि केंद्रीय बैंक के फैसले के बाद ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी. छह सदस्यों वाली मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट कमी करने की घोषणा की थी.
रेपो रेट 5. 75 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचा
आरबीआई की तरफ से कटौती की जाने के बाद रेपो रेट घटकर 5. 75 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है. केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दर में कटौती से मकान, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किश्त (ईएमआई) कम होने की उम्मीद है. इस साल यह तीसरा मौका है जब केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में कटौती की है और इससे यह 9 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गयी है. साथ ही आरबीआई ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस और एनईएफटी से मनी ट्रांसफर पर लगने वाले चार्ज को भी खत्म कर दिया है.
रिवर्स रेपो रेऩ 5. 50 प्रतिशत पर आया
रिजर्व बैंक का रेपो रेट ताजा कटौती के बाद 5. 75 प्रतिशत हो गयी है. इससे रिवर्स रेपो दर 5. 50 प्रतिशत पर आ गयी है. उम्मीद की जा रही है कि बैंक इस कटौती का लाभ अपने ग्राहकों को देंगे जिससे मकान, वाहन और अन्य कर्ज की मासिक किस्तें कम होंगी. एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने आम राय से रेपो में कटौती का निर्णय किया. समिति में गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल वी आचार्य, कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल देवब्रत पात्रा के अलावा अन्य सदस्य डॉ. चेतन घाटे, डॉ. पामी दुआ, डॉ. रविंद्र एच ढोलकिया हैं.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसका मतलब है कि ब्याज दर में फिलहाल कोई इजाफा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बैंक दरों में मौजूदा कटौती और इससे पहले फरवरी और अप्रैल में की गई कटौती का फायदा ग्राहकों को देने में तेजी लाये. आरबीआई फरवरी से लेकर अब तक नीतिगत दर प्रधान उधारी दर में 0. 75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.